नया साल आने को है, नया साल फिर कोरोना के संकट की आहट दे रहा है, हर साल की तरह नए साल के नए संकल्प लिए जाएंगे क्यों न हम सामूहिक रूप से इस बार संकल्प लें कि लॉकडाउन नहीं लगने देंगे। हम सब अपने स्तर पर पूरी ऐहतिहात बरतते हुए ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य पूरा करेंगे और इस सामूहिक संकल्प को विफल नहीं होने देंगे।
संकल्प के मायने होते हैं दृढ़ निश्चय, पक्का इरादा, लेकिन होता यह है कि संकल्प लिए तो जाते हैं पर लेते समय ही हमारा निश्चय ढुलमुल होता है, हमें पता होता हैं कि यह संकल्प टूटना ही है। जैसे घड़ी में सुबह का अलार्म लगाने वालों में वे लोग भी होते हैं जो जानते हैं कि अलार्म लगाया ही इसलिए गया है कि उसे बंद किया जा सके। तो वैसे अलार्म का क्या लाभ, जिसके बजने पर आप नींद से जाग ही न पाएं। कोरोना ने फिर एक बार वैसा ही अलार्म बजाया है और हमें लापरवाही से नींद से जगना ही होगा।
हमें हर संकल्प को किसी चेतावनी, किसी अलार्म की तरह ही देखना चाहिए और उसके बजते ही अपनी आंखों को पूरी तरह खोल लेना चाहिए। यदि सेहत ने आपके कान में अलार्म बजाया है और आपने रोज़ सुबह की सैर का मन बना लिया है तो उसे संकल्प में बदलिए और संकल्प को पूरा करने का पक्का इरादा भी रखिए। नियमित अभ्यास करने, चाहे पढ़ाई हो या रियाज़ यदि इसका भी संकल्प लिया है तो उसे पूरा कीजिए। संकल्प का अर्थ होता है अनुशासन। अनुशासन में रहना कभी भी अच्छा नहीं लगता लेकिन उससे मिलने वाला फल ज़रूर मीठा होता है, यह भी सब जानते हैं। अनुशासन तब तक ही सज़ा की तरह लगता है जब तक उसकी आदत न हो जाए, एक बार आदत बन जाने पर केवल वह टूटे ना इसकी खबरदारी बरतनी होती है।
यदि संकल्प कर लिया और उसे पूरा करने का दृढ़ निश्चय भी कर लिया तो आप अपनी तकदीर तक खुद बना सकते हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए आपको उस दिशा में काम भी तो करना होगा न, केवल सपने देख भर लेने से वे पूरे तो नहीं हो जाते न! किसी भी क्षण से आप नई शुरुआत कर सकते हैं और जिस क्षण से आप नई शुरुआत करते हैं, आप पाते हैं कि नए अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। संकल्प आपमें उस ऊर्जा को भरता है जो आपको कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
उसके बाद जैसे जादू हो सकता है, जादूगर जैसे एक चीज़ को दूसरे में बदल सकता है, आप भी ऐसा कर सकते हैं यदि आपका अपने सपनों में विश्वास हो और उन्हें पूरा करने के लिए आप कटिबद्ध हों तो। अपने सपनों या संकल्पों को पूरा करने के लिए जिन संसाधनों की ज़रूरत पड़ सकती है, उन्हें तैयार कर लीजिए। संसाधन जुटाने के बाद अपनी आंतरिक शक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित कीजिए। कई बार लोग तय करते हैं कि नए साल से रोज़ जनरल या डायरी लिखेंगे, वे बाकायदा उसके लिए जनरल या डायरी और पैन खरीद लाते हैं।
संसाधन तो जुटा लिए लेकिन कार्य करने की प्रेरणा ही न हो तो वह उत्साह धरा का धरा रह सकता है। यदि आप अपनी प्रेरणा को निरंतर जागृत रख पाएं तो आप सपनों के पूरा होने के इनाम के हक़दार हो सकते हैं। अवसर को थाम लीजिए। नए साल का पहला दिन वह अवसर देता है कि आप कुछ संकल्प करें। संकल्प कीजिए और अपने सपनों को सच कर दिखाइए।
edited by navin rangiyal