Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सहरा में पहाड़ : 'जेबेल जैस'

हमें फॉलो करें सहरा में पहाड़ : 'जेबेल जैस'
webdunia

डॉ. शिबन कृष्ण रैणा

संयुक्त अरब अमीरात मध्य-पूर्व एशिया का एक देश है, जो 1971 में 7 छोटे राज्यों (अमीरात) को मिलाकर वजूद में आया है। ये 7 राज्य हैं- अबूधाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, फुजैरा, रसलखैमा और उमलकवैन। आजकल ये 7 राज्य अमीरात के 7 मुख्य नगर हैं। अबू धाबी यहां की राजधानी है और यहां लगभग 90 प्रतिशत लोग इस्लाम के मानने वाले हैं।
संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा को दिरहम कहा जाता है और यहां की राष्ट्रभाषा अरबी है। इसके अतिरिक्त यहां अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू और मलयालम भी बोली जाती है। यहां की अर्थव्यवस्था कच्चे तेल के निर्यात व अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर आधारित है। इस देश में तेल की खोज सन् 1958 में अबूधाबी में हुई थी।
 
यूएई में लगभग 30 प्रतिशत आबादी भारतीयों की है और 26 लाख भारतीय यूएई में रहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यूएई में बसे भारतीय लगभग 12 अरब डॉलर हर साल भारत भेजते हैं। यों यहां पाकिस्तानी, फिलीपीनी, बांग्लादेशी, श्रीलंकाई, अफ्रीकी आदि विकासशील देशों के लोग भी बहुत रहते हैं, जो काम/रोजगार की तलाश में यहां आए हुए हैं। यहां भारतीय समुदाय के प्रवासियों में सबसे ज्यादा केरल से आए लोग रहते हैं।
 
वैसे तो यूएई के प्रत्येक राज्य/अमीरात की अपनी एक अलग पहचान और विशेषता है, चाहे वह दुबई हो या अबू धाबी, शारजाह हो या अजमान, मगर रस-अल खैमा राज्य की अपनी एक अलग ही शान-शौकत और खूबसूरती है जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। ऊंची-ऊंची इमारतों से भरा रस-अल खैमा यूएई का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है, जो चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। इसे ब्लू ओशन का भी नाम दिया गया है। 
 
यहां शारजाह और दुबई दोनों जगहों से जाया जा सकता है। यह लोगों के लिए सपनों के शहर जैसा है। पूरी तरह से सजे हुए इस शहर में आपको हर जगह प्राय: एक जैसे ही घर देखने को मिलेंगे जिनकी सजावट के लिए ज्यादातर ब्लैक और पीले रंगों का इस्तेमाल किया गया है। 
 
रस-अल खैमा राज्य के दर्शनीय स्थानों में जेबेल-जैस का पर्वत है जिसकी चोटी समुद्र तट से 1934 मीटर (6,345 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। संयुक्त अरब अमीरात में सबसे ऊंची चोटी होने के नाते यहां का तापमान कम रहता है। बताया जाता है कि 2009 में सर्दियों में यहां बर्फ भी गिरी थी। तब तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक हो गया था।
 
दुबई से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस पर्वत का संबंध हज्रर-पर्वत-श्रृंखला से है। चट्टानी पहाड़ियों को काटकर अपने तरीके से बना और रोमांच से भरा जेबेल-जैस बाइकर्स और स्पोर्ट्स-कार चालकों के लिए खासतौर पर पर्यटन के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
 
एक अनुमान के मुताबिक जेबेल-जैस पर्वत तक पहुंचने के लिए बनी 1700 मीटर लंबी घुमावदार सड़क पर 300 मिलियन दिरहम खर्च आया है। डामर से निर्मित इस साफ-सुथरी सड़क का बनना 2005 में शुरू हुआ था और अब कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 
 
चट्टानों को चीरकर तथा मोड़ों और घुमावों को आधुनिक तकनीक से आकार देकर इस पहाड़ी सड़क को देखकर मुझे जम्मू-कश्मीर के राजमार्ग और कालका-शिमला के पेंचदार मार्ग की बरबस याद हो आई। 
 
बस फर्क इतना था कि ये दो मार्ग हरियाली से भरे-पूरे और ठंडे-ठार हैं जबकि ‘जेबेल-जैस’ को जाने वाला मार्ग एकदम रूखा-सूखा और वनस्पतिशून्य! फिर भी सहरा में खड़े इस पहाड़ को देख मन अपूर्व रोमांच से भर जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आम-पुराण