Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

धुरंधरों की फैक्ट्री विदिशा

हमें फॉलो करें धुरंधरों की फैक्ट्री विदिशा
webdunia

नवीन जैन

Vidisha, the city of veteran leaders: मैं बनारस की जोड़ का पुरातन शहर विदिशा हूं। विदित हो कि काशी जिस तरह से गंगा नदी के तट पर बसा होकर अपने घाटों के लिए प्रसिद्ध है, वैसे ही मैं मध्य प्रदेश की वाराणसी हूं। क्यों? जिस बेतवा नदी के तीर पर मेरी बसाहट हुई है, वहां भी खूबसूरत घाट है, लेकिन मेरी पहचान बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म के पौराणिक केद्रों के रूप में तो है ही सही साथ ही मैं धुरंधर, राजनीतिज्ञों  समाजसेवियों और बुद्धिमानों की फैक्ट्री भी हूं।
 
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई और पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज तो खैर मेरी सीट से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं, मगर कुछ ही लोगों को पता होगा कि जिन कैलाश सत्यार्थी को पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था वो मेरे यहां ही पले-बढ़े। फिर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसरी की और इस दौरान जब जिंदगी बेमानी लगने लगी तो वे गुमशुदा बच्चों के लिए काम करने लगे।
 
क्या गजब संयोग है कि यहां से कांग्रेस के टिकट पर जो प्रतापभानु शर्मा भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ 2024 का चुनाव लड़ रहे हैं, वे भी (शर्मा) मेरे यहीं से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके न सिर्फ बड़े उद्योगपति बने बल्कि मेरे यहां से ही दो बार कांग्रेस के खाते से ही लोकसभा में जा चुके है, वैसे शिवराज सिंह चौहान तो यहां से कुल चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
 
मीडिया के अपने कुछ छुपे सिद्धांतों के कारण शायद मेरी चर्चा देश भर में नहीं हो, लेकिन मध्य प्रदेश में तो मैं एक बार फिर से चर्चा में आ गई सीट हूं। मैंने ही शिवराज सिंह चौहान को देशभर में मामाजी के रूप में पहचान दिलाई है। शिवराज सिंह चौहान जगत माना इसलिए बने क्योंकि वे विभिन्न सभाओं, रैलियों और अन्य कार्यक्रमों में मध्य प्रदेश के बालक-बालिकाओं के मामाजी के रूप में अपने को प्रस्तुत करते रहे। मैं कोई मामाजी का पक्ष नहीं ले रही हूं, मगर यह सत्य तो दीवारों पर भी अंकित हो चुका है कि देश भर में चर्चित लाड़ली बहना योजना के रचयिता मामा जी ही थे।
 
ज्ञातव्य है कि 2023 के विधानसभा आम चुनावों में भाजपा को प्रदेश की कुल 230 में से 163 सीटें दिलवाने में मामाजी की लाड़ली बहना योजना का निर्णायक रोल था। शिवराज सिंह चौहान उर्फ मामाजी मध्य प्रदेश के 4 बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। एक फिल्मी घटनाक्रम से मिलते जुलते बेहद रोचक प्रसंग के तहत भाजपा के वरिष्ठ ओबीसी नेता स्वर्गीय बाबूलाल गौर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से रातोंरात हटाकर मामाजी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था।
 
29 नवंबर 2005 में मिली इस राजनीतिक सौगात के बाद शिवराज सिंह चौहान एक राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित होने लगे। एक समय तो ऐसा भी आया जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामाजी पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर खड़े हो गए थे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गांधी से मोदी तक : भारत पर पश्चिमी मीडिया के रवैये का पोस्‍टमार्टम है यह किताब