कई बार हम सरोगेसी के बारे में सुनते हैं लेकिन मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर यह सरोगेसी होती क्या है? ऐसे कई जोड़े हैं, जो सरोगेसी द्वारा माता-पिता बन चुके हैं, वहीं आपको बता दें कि बॉलीवुड की फिटनेस क्वीन शिल्पा शेट्टी कुंद्रा एक बार फिर मां बनी हैं और वह भी सरोगेसी के जरिए। सोशल मीडिया पर शिल्पा ने बेटी के हाथ की तस्वीर शेयर की है।
फोटो शेयर करते हुए शिल्पा शेट्टी ने लिखा, 'ओम गणेशाय नम:, हमारी प्रार्थनाओं का जवाब मिल गया है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लिटिल एंजेल ने हमारे घर पर कदम रखा है। समीशा शेट्टी कुंद्रा। समीषा ने 15 फरवरी 2020 को जन्म लिया। घर में जूनियर SSK आ गई है।'
तो यह बात रही बॉलीवुड की अदाकारा शिल्पा शेट्टी की, जो सरोगेसी के माध्यम से मां बनीं। लेकिन ऐसे कई लोग हैं, जो कुछ परेशानियों की वजह से मां-बाप नहीं बन पाते और इस सुख से वंचित रह जाते हैं तो उनके लिए सरोगेसी द्वारा माता-पिता बनना किसी वरदान से कम नहीं हो सकता है।
वहीं हम में से कई ऐसे लोग हैं जिन्हें सरोगेसी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि सरोगेसी क्या है? इसकी प्रक्रिया क्या होती है? सरोगेसी कौन करवा सकता है? ये तमाम सवाल हमारे मन में जरूर आते हैं। यदि आप भी इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
सबसे पहले जानते हैं कि सरोगेसी क्या है?
'सरोगेसी' का मतलब होता है किराए की कोख जिसमें एक महिला किसी अन्य जोड़े, जो बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं, के लिए बच्चे को अपनी कोख से जन्म देती है और महिला के बच्चे के जन्म के बाद सभी अधिकार खत्म हो जाते हैं।
यानी अगर कोई पति-पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं, तो वे सरोगेसी का सहारा ले सकते हैं। इस प्रक्रिया में किसी अन्य महिला की कोख को किराए पर लेकर बच्चे को जन्म दिया जाता है। बच्चे के जन्म के लिए जिस महिला की कोख को किराए पर लिया जाता है, उसे 'सरोगेट मदर' कहा जाता है।
सरोगेसी कौन करवा सकता है?
सरोगेसी सिर्फ शादीशुदा जोड़े करवा सकते हैं। कोई भी जोड़ा जो सरोगेसी करवाना चाहता है, उनकी शादी के 5 साल के बाद ही वे सरोगेसी की प्रक्रिया के पात्र होंगे। वहीं वे बच्चे को जन्म नहीं दे सकते हैं तो इस बात का भी उन्हें मेडिकल प्रमाण पत्र देना उनके लिए आवश्यक होगा।
आखिर कौन बन सकेगी सरोगेट मदर?
परिवार या आपके जान-पहचान की करीबी रिश्तेदार सरोगेट मदर बन सकती है, वहीं कोई महिला जो सरोगेट मदर बन रही है या बन चुकी है, वह जीवन में सिर्फ 1 बार ही सरोगेट मदर बन सकेगी। एक बार से अधिक बार सरोगेट मदर नहीं बन सकती।
वहीं सरोगेसी से पैदा हुआ बच्चा अगर विकलांग, मंदबुद्धि या किसी भी तरह की शारारिक या मानसिक परेशानी के साथ ही पैदा हुआ है तो उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। चाहे वह लड़की हो लड़का या चाहे जो भी हो, उसे उस बच्चे को स्वीकार करना ही होगा।