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नाग पंचमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानिए क्यों बढ़ जाएगा पूजा का महत्व

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Nag Panchami 2022: नागपंचमी के दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी 2 अगस्त 2022 मंगलवार को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार नागपंचमी के दिन दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जिसमें पूजा का फल कई गुना बढ़ जाएगा, तो जानिए पूजा का महत्व और मुहूर्त।
 
दुर्लभ संयोग- nag panchami durlabh yog :
 
1. इस दिन शिव योग के बाद सिद्ध योग रहेगा। साथ ही प्रजापति (धाता) और सौम्य योग भी रहेागा। शाम 6 बजकर 38 मिनट तक शिवयोग रहेगा इसके बाद इ सिद्धि योग शुरू होगा।
 
2. इस दिन केंद्र में शनि का शश योग भी रहेगा।
 
3. इस बार नांगपंचमी पर शिवयोग का होना और मंगलवार का होना दुर्लभ है। मंगलवार को मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा जो मां पार्वती को समर्पित है। यानी भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा एकसाथ की जाएगी। पूजा का फल कई गुना बढ़ जाएगा।
 
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शुभ मुहूर्त- nag panchami shubh muhurat :
अमृत काल : सुबह 09:52 से 11:33 तक।
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:07 से 12:59 तक।
 
पूजा का महत्व- nag panchami puja ka mahatva : पंचमी तिथि नाग देवता की है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन महत्व है। इस दिन नागों की पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं होता। सर्पों को दूध से स्नान कराने और पूजन करने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन प्रवेश द्वार पर नाग चिन्ह बनाने से घर नाग-कृपा से सुरक्षित रहता है। सपेरों का यह मुख्य पर्व है।
 

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