श्रावण माह की शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार अंग्रेजी माह के अनुसार 13 अगस्त 2021 शुक्रवार को शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का पर्व रहेगा। आओ जानते हैं नागवंश के लगभग सभी नागों के नाम। जिस तरह सूर्यवंशी, चंद्रवंशी और अग्निवंशी माने गए हैं उसी तरह नागवंशियों की भी प्राचीन परंपरा रही है। कई लोग नागवंशी को सूर्यवंश की ही एक शाखा मानते हैं।
1. अनंत (शेष)
2. वासुकि
3. तक्षक
4. कर्कोटक
5. पद्म
6. महापद्म
7. शंखचूड़8. कुलिक
9. धनंजय
10. पिंगला
11. नल
12. कवर्धा
13. फणि-नाग
14. भोगिन
15. सदाचंद्र
16. धनधर्मा
17. भूतनंदि
18. शिशुनंदि
19. यशनंदि तनक
20. तुश्त
21. ऐरावत
22. धृतराष्ट्र
23. अहि
24. मणिभद्र
25. अलापत्र
26. कम्बल
27. अंशतर
28. कालिया
29. धवल नाग
30. सौंफू
31. दौद्धिया
32. काली
33. तखतू
34. धूमल
35. फाहल
36. काना
37. गुलिका
38. सरकोटा इत्यादी नाम के नाग वंश हैं।
अग्निपुराण में 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन है, जिसमें वासुकी, तक्षक, पद्म, महापद्म प्रसिद्ध हैं। नागों का पृथक नागलोक पुराणों में बताया गया है। अनादिकाल से ही नागों का अस्तित्व देवी-देवताओं के साथ वर्णित है। जैन, बौद्ध देवताओं के सिर पर भी शेष छत्र होता है। असम, नागालैंड, मणिपुर, केरल और आंध्रप्रदेश में नागा जातियों का वर्चस्व रहा है। अथर्ववेद में कुछ नागों के नामों का उल्लेख मिलता है। ये नाग हैं श्वित्र, स्वज, पृदाक, कल्माष, ग्रीव और तिरिचराजी नागों में चित कोबरा (पृश्चि), काला फणियर (करैत), घास के रंग का (उपतृण्य), पीला (ब्रम), असिता रंगरहित (अलीक), दासी, दुहित, असति, तगात, अमोक और तवस्तु आदि।