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नागपंचमी विशेष : नागदेव की पूजा पिटारी में नहीं मंदिर में करें

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, सोमवार, 1 अगस्त 2022 (13:01 IST)
Nag Panchami 2022: 2 अगस्त 2022 मंगलवार को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रतिवर्ष हिन्दू मास के श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी को आता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है। कई सपेरे जिंदा नाग को पकड़कर पिटारी में बंद करके घर घर ले जाते हैं ताकि लोग नाग की पूजा कर सके। नागदेव की पूजा पिटारी में ही मंदिर में क्यों करना चाहिए, जानिए।
 
1. शिवजी के गले में जो नाग है उसे वासुकी नाग कहते हैं। उस नाग की पूजा शिवजी के साथ ही उस जगह होती है जहां पर पहले से स्थापित प्राण प्रतिष्ठित किया हुआ शिवलिंग हो। पिटारी में नाग पूजा शास्त्र सम्मत नहीं है।
 
2. नागपंचमी की पूजा यदि घर पर ही की जा रही है तो चांदी ने नाग जोड़ों की या पीतल या तांबे के नाग की शिवजी के साथ पूजा की जाती है। इस दिन चांदी के नाग नागिन की पूजा होती है। चांदी के नाग नागिन न हो तो एक बड़ीसी रस्सी में सात गांठें लगाकर उसे सर्प रूप में पूजते हैं।
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3. नाग पंचमी पर जीवित नाग की पूजा ना करें बल्कि मूर्ति की पूजा करें। जानकारी लोग कहते हैं कि सांप या नाग के लिए दूध जहर समान होता है जिसके चलते कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो जाती है। अत: पिटारी के नाग की पूजा करना नागों के उपर अत्याचार माना जाता है।
 
4. किसी नाग मंदिर में नागदेव की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। कई लोग नाग की बांबी की पूजा भी करते हैं।

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