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अंबेडकर के बहाने दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश में सियासी दल?

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विकास सिंह

, गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (22:00 IST)
संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को लेकर दिया गए बयान पर सियासत जारी है। कांग्रेस गृहमंत्री अमित शाह के बयान को भीमराव अंबेडकर के साथ दलितों का अपमान बता रही है। बाबा साहेब अंबेडकर पर अमित शाह का बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस पहले से ही संविधान को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं अब भाजपा भी पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पर अंबेडकर के अपमान करने का आरोप लगा रही है औऱ आज संसद परिसर में इसको लेकर जमकर प्रदर्शन हुआ और सांसदों के बीच जमकर धक्कामुक्की हई।

सियासत के केंद्र में अंबेडकर-देश में संविधान लागू होने के 75 साल के मौके पर संसद में चार दिनों तक संविधान पर लंबी चर्चा हुई और इस पूरी चर्चा के केंद्र में संविधान और संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर रहे है। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने आंबेडकर के सहारे अपनी राजनीति को साधने के साथ ही दलित वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की। चर्चा के दौरान ही गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा डॉ. आंबेडकर पर दिए गए एक बयान के बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है। राज्यसभा में अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर का जिक्र करने पर विपक्ष पर तंज कसते  हुए कहा कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। हलांकि यह अमित शाह के भाषण का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा था लेकिन विपक्ष ने इसको खूब वायरल किया। वहीं इसके साथ बाद सभी विपक्षी दल राजनीतिक दल खुद ज्यादा आंबेडकर समर्थक बताकर दलित वोटबैंक को साधने की कोशिश में लग गए।

अंबेडकर के बहाने दलित वोट बैंक पर निगाहें- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर राजनीति का बड़ा कारण दलितों का बड़ा वोट बैंक है। दरअसल भीमराव अंबेडकर दलित समाज के महापुरुष है और अंबेडकर के नाम पर सियासी दल दलितों को अपने  साथ जोड़ने की  कोशिश करते है।

2014 में नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा लगातार दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करती आई है, लेकिन इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जब राहुल गांधी ने चुनाव में अंबेडकर के नाम लेकर संविधान बदलने का मुद्दा उठाया तो भाजपा को इसका नुकसान उठाना प़ड़ा औऱ कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को इसका फायदा हुआ।

लोकसभा की 543 सीटों में से 84 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। वहीं लोकसभा की 156 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोट काफी संख्या में है। इन 156 सीटों में से इस साल हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक को  93 और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 57 सीटें जीतीं। अगर  चुनावी आंकड़ों  को देखा जाए तो दलित वोट बैंक की बाहुल्यता वाली 156 लोकसभा सीटों में लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को 53 सीटों का फायदा हुआ औऱ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 34 सीट का नुकसान हुआ है। वहीं देश के बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब में दलित वोटर्स की संख्या 20 फीसदी से अधिक है।

अगर दलित वोटर्स को देखा जाए तो सियासी दलों के लिए बड़ा वोटबैंक है। देश की दलितों की आबादी 16.63 फीसदी हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में दलितों की आबादी 21 फीसदी से अधिक है और राज्य की 42 लोकसभा में दलित वोट बैंक जीत हार तय करते है। वहीं मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 16 फीसदी दलितों की आबादी है। वहीं बिहार मे दलितों की आबादी 16 फ़ीसदी से अधिक है।

यहीं कारण है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल गृहमंत्री अमित शाह के बयान को आंबेडकर के अपमान का मुद्दा बनाकर दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे है। यहीं कारण है कि कांग्रेस इस मुद्दें को जोर-शोर से उठा रही है।

दलितों  पर श्रेय की सियासत- गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर अब दलितों को लेकर श्रेय की सियासत शुरु हो गई  है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल कर उनका अपमान किया। अमित शाह को अपने बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।  वहीं उन्होंने  कहा  कि  संसद में दलित वोटरों के लिए धक्का-मुक्की चल रही है।

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से आंबेडकर से असहमत होंगे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष व राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अमित शाह ने कल सदन में जब बाबासाहेब अंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे। अमित शाह ने जिस तरह से बाबासाहेब का अपमान किया, उसे लेकर पूरे विपक्ष ने विरोध जताया है, इसलिए मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं।

वहीं अमित शाह का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमित शाह ने अपने भाषण में जो कांग्रेस की पोल खोली, नेहरू जी हों, इंदिरा जी हों, कांग्रेस ने जो व्यवहार किया भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी के साथ अब उसकी खीज इतनी की गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। 

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