नई दिल्ली। देश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध की 1,89,945 घटनाएं दर्ज की गई हैं। लोकसभा में सरकार द्वारा रखे गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। निचले सदन में पीपी चौधरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने ये आंकड़े पेश किए।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपराधों से संबंधित सांख्यिकी आंकड़ों को 'क्राइम इन इंडिया में संकलित एवं प्रकाशित करता है। इसमें वर्ष 2021 तक की प्रकाशित रिपोर्ट उपलब्ध हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में वर्ष 2018 में अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध की 42,793 घटनाएं, वर्ष 2019 में 45,961 घटनाएं, वर्ष 2020 में 50,291 घटनाएं और वर्ष 2021 में 50,900 घटनाएं दर्ज की गईं।
इस प्रकार से देश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध की 1,89,945 घटनाएं दर्ज की गई हैं। मिश्रा ने बताया कि भारत के संविधान की 7वीं अनुसूची में 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अनुसूचित जातियों सहित नागरिकों के जानमाल की रक्षा करने का दायित्व राज्यों का होता है।
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकारें कानूनों के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों से निपटने में सक्षम हैं, फिर भी सरकार अनुसूचित जातियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta