Uttarkashi tunnel rescue : उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। आज से यहां वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन से खुदाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि मशीन से 32 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं।
12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। तब से ये श्रमिक टनल के अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें पाइप की मदद से खाना पानी दिया जा रहा है। इस बीच श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए स्थान की पहचान कर ली गई है।
एक मशीन जो गुरुवार को सड़क संकरी होने के कारण फंस गई थी, अब सिलक्यारा सुरंग स्थल पर पहुंच गई है, जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।
बचावकर्मियों ने चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के बाड़कोट-छोर पर भी 2 विस्फोट किए, जिससे श्रमिकों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
150 पैकेट में भेजा डिनर : सुरंग में फंसे श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के माध्यम से रात के खाने के लिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई। डॉक्टर की देखरेख में कम तेल और मसालों के साथ तैयार किए गए रात्रिभोज की आपूर्ति श्रमिकों को 150 पैकेट में की गई।
इससे पहले, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को सेब, संतरे, मौसमी और केले जैसे फल व इलेक्ट्रॉल जैसी आवश्यक दवाइयां पहुंचाईं गईं।
एंडोस्कोपिक कैमरा बना मददगार : अधिकारियों ने बताया कि मलबे में डाली गई छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया जिससे तड़के मिले वीडियो से उनके सकुशल होने का पता चला। यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा लाया गया था। वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई देते हैं।
एक स्क्रीन पर श्रमिकों को देख रहे अधिकारियों को उन्हें निर्देश देते सुना जा सकता है। अधिकारी उन्हें लेंस साफ करने और उन्हें कैमरे पर देखने को कह रहे हैं। अधिकारी उनसे पाइपलाइन के मुंह के पास आने तथा वॉकी-टॉकी का प्रयोग करने के लिए भी कह रहे थे।
Edited by : Nrapendra Gupta