नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत एवं उज्बेकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने तथा सामरिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने का संकल्प व्यक्त किया। दोनों देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा, पर्यटन, फार्मा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के 17 समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोएव के बीच सुरक्षा, शांति, समृद्धि और सहयोग संबंधी क्षेत्रीय महत्व के मुद्दे समेत आपसी सहयोग एवं साझा हितों से जुड़े विविध विषयों पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि हमने इन मुद्दों पर और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समेत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारे सहयोग को और अधिक गहरा बनाने का निर्णय लिया है।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ अपनी वार्ता को उपयोगी और सार्थक करार देते हुए मोदी ने कहा कि उज्बेकिस्तान की प्राथमिकताओं के अनुसार भारत उनके प्रयासों में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मौजूदा सहयोग को नए क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए आज खासतौर पर चर्चा की गई। मोदी ने कहा कि हम व्यापार और निवेश के रिश्तों को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। हमने 2020 तक 1 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा है। हमने तरजीही कारोबार समझौते पर वार्ता शुरू करने का भी निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान के प्रस्ताव पर भारत ने वहां के सामाजिक क्षेत्रों में कम लागत के घरों और ऐसे और भी सामाजिक क्षेत्र की आधारभूत ढांचे की परियोजनाओं के लिए 20 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष, मानव संसाधन विकास और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उज्बेकिस्तान के हित के लिए हमने भारत के अनुभव से लाभ उठाने का प्रस्ताव रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के राज्यों के बीच बढ़ते सहयोग का हम स्वागत करते हैं। आज आगरा और समरकंद के बीच समझौते और गुजरात तथा उज्बेकिस्तान के अंदिजन के बीच समझौते हुए हैं। दोनों देशों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच संपर्क में वृद्धि करने के रास्तों पर विचार किया गया है। इसमें व्यापार और संपर्क के लिए चाबहार बंदरगाह को एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया गया है।
मोदी ने कहा कि भारत अश्गाबात समझौते का फरवरी 2018 में सदस्य बना है। इसमें समर्थन के लिए वे उज्बेकिस्तान के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि हमे खुशी हैं कि उज्बेकिस्तान अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर में शामिल होने पर सहमत हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान ने ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक गहरा बनाने तथा अपने सामरिक गठजोड़ को और मजबूत बनाने की अपनी दृष्टि एवं योजनाओं को साझा किया है। हमारे पुराने दोस्ताना रिश्तों को आज के संदर्भ में और भी समृद्ध करने के लिए हमने दीर्घकालिक मूल्यांकन किया है।
मोदी ने कहा कि स्थिर, लोकतांत्रिक और समावेशी एवं समृद्ध अफगानिस्तान पूरे क्षेत्र के हित में है। उन्हें खुशी है कि इस संदर्भ में दोनों देशों के बीच नियमित रूप से संपर्क बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। दोनों देशों ने सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क को संबंधों का आधार स्तंभ बताया और ई-वीजा, पर्यटन, अकादमिक आदान-प्रदान तथा वायु संपर्क इत्यादि विषयों पर सहयोग पर चर्चा की है। (भाषा)