मध्य एशियाई देश उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि एक कफ सिरप से 18 बच्चों की जान चली गई। यह भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी का कफ सिरप (Dok-1 Max syrup) था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार को भारत को दुनिया के लिए फार्मेसी होने का शेखी बघारना बंद करना चाहिए।
मंत्रालय ने दावा किया कि लैब में किए गए एक टेस्ट में भारतीय कफ सिरप में दूषित एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है। यह सिरप नोएडा की मैरियन बायोटेक में बनाया जाता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है। पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत को दुनिया के लिए फार्मेसी होने का शेखी बघारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
अक्टूबर में अफ्रीकी देश गांबिया ने आरोप लगाया था कि मेडन फार्मा के बनाए कफ सिरप से उनके यहां बच्चों की मौत हो गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस मामले पर चिंता जताई थी। हालांकि बाद में इस कफ सिरप को भारत सरकार ने जांच के बाद क्लीन चिट दे दी थी।