Made a world record by stopping more than 1900 child marriages : पश्चिमी मध्य प्रदेश में पिछले 32 सालों के दौरान 1965 बाल विवाह रोकने के इंदौर के 2 भाइयों के दावे को परखने के बाद 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' ने उनके इस अभियान को विश्व कीर्तिमान का दर्जा दिया है।
अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने महेंद्र पाठक (52) और उनके बड़े भाई देवेंद्र कुमार पाठक (56) के नाम बाल विवाह रोकने के सबसे लंबे अभियान के शीर्षक से विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र जारी किया है। इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह की उपस्थिति में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से पाठक बंधुओं को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
प्रमाण पत्र में दर्ज है कि पाठक बंधुओं ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद से पांच अप्रैल 1992 से 26 फरवरी 2024 तक 1,965 बाल विवाह रोके। अधिकारियों ने बताया कि पाठक बंधु बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के लाडो अभियान के उड़नदस्ते से जुड़े हैं तथा वे इंदौर और पश्चिमी मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में बाल विवाह रोकने की दिशा में काम करते हैं।
लड़कियों के बाल विवाह अब भी थमे नहीं हैं : बाल विवाह निरोधक उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने कहा, गुजरे बरसों के दौरान बाल विवाह में हालांकि कमी आई है, लेकिन खासकर लड़कियों के बाल विवाह अब भी थमे नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर लड़कियों के परिजन सामाजिक कुरीतियों और गरीबी के चलते उनका बाल विवाह कर देते हैं, तो कई बार लड़कियों के घर से भागकर प्रेम विवाह करने की आशंका के चलते भी उनका बाल विवाह कर दिया जाता है।
कम उम्र में लड़कियों की शादी का एक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह भी : पाठक ने कहा, कम उम्र में लड़कियों की शादी का एक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह भी है कि कई परिजन सोचते हैं कि अगर उनकी बेटी का जल्दी विवाह हो जाएगा, तो वह समाज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों से बची रहेगी। देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour