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कश्मीर में 2 सरकारी शिक्षकों का आतंकियों से कनेक्‍शन, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्‍त

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हमें फॉलो करें 2 government teachers in Kashmir sacked for having links with terrorists

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025 (15:26 IST)
Jammu and Kashmir News : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों से संबंध रखने के आरोप में 2 सरकारी शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई आतंकवाद के प्रति सरकार की जीरो टालरेंस नीति का हिस्सा है। संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत दोनों शिक्षकों को नौकरी से निकाला गया है। आरोप है कि नौकरी से निकाले गए दोनों शिक्षक आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए काम कर रहे थे। एलजी ने एक वक्तव्य में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। जो भी व्यक्ति आतंकवाद को आर्थिक या वैचारिक समर्थन देता है, वह समाज और शांति दोनों के लिए खतरा है।

सरकारी शिक्षक की नौकरी से निकाला गया गुलाम हुसैन रियासी जिले का रहने वाला है। वह 2004 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक नियुक्त हुआ था और 2009 में नियमित शिक्षक बन गया था। वह सरकारी प्राथमिक विद्यालय कलवा, महौर में कार्यरत था।
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सरकार का दावा है कि जांच में पाया गया कि वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहा था। वह आतंकी हैंडलर्स मोहम्मद कासिम और गुलाम मुस्तफा से एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए संपर्क में था। 2023 में गिरफ्तारी के दौरान सामने आया कि उसने आतंकियों के परिवारों को वित्तीय सहायता, भर्ती और लाजिस्टिक्स सपोर्ट दिया था।

जांच एजेंसियों के अनुसार, उसकी गतिविधियां केवल पैसे के लिए नहीं बल्कि आतंकी विचारधारा से प्रेरित थीं, जबकि माजिद इकबाल डार राजौरी जिले में शिक्षक के पद पर नियुक्त था। 2009 में पिता की मृत्यु के बाद वह लैब असिस्टेंट के रूप में नियुक्त हुआ था और 2019 में शिक्षक बना।
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दावानुसार, जांच में सामने आया कि वह भी लश्कर ए तैयबा का ओवर ग्राउंड वर्कर था और नार्को-टेरर नेटवर्क में शामिल था। जनवरी 2023 में राजौरी के जे एंड के बैंक के पास आईईडी मिलने के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया।

पुलिस के अनुसार, उसने लश्कर ए तैयबा आतंकियों मोड जबर और जोहैब शहजाद के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित हैंडलर के निर्देश पर विस्फोटक लगाया था। जेल में भी उसके कट्टरपंथी झुकाव में बने रहने की सूचना है।
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एलजी ने एक वक्तव्य में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। जो भी व्यक्ति आतंकवाद को आर्थिक या वैचारिक समर्थन देता है, वह समाज और शांति दोनों के लिए खतरा है। हमारी जीरो टालरेंस नीति जारी रहेगी जब तक आतंक नेटवर्क पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
Edited By : Chetan Gour

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