लखनऊ। म्यांमार के रोहिंग्या लोगों को अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कराने और जालसाजी कर तैयार दस्तावेजों के आधार पर यहां बसाने एवं विभिन्न मांस (मीट) फैक्ट्रियों में मजदूर के रूप में रोजगार दिलाने वाले मानव तस्करी गिरोह के 2 सदस्यों को यूपी एटीएस ने अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार दोनों आरोपी मूलत: म्यांमार के ही रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश में रहकर मानव तस्करी का काम कर रहे थे। अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (यूपीएटीएस) को सूचना मिली थी कि म्यांमार निवासी रोहिंग्या लोगों का एक गिरोह समुदाय के अन्य लोगों को बांग्लादेश सीमा के रास्ते अवैध रूप से भारत लाता है तथा उनको देश और प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थापित करता है।
उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य इसके बाद फर्जी तरीके से उनके भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि तैयार कराते हैं और उन्हें भारतीय नागरिक के तौर पर विभिन्न मीट फैक्ट्रियों में मजदूरी का काम दिलाते हैं तथा उनसे धन उगाही करते हैं।
यूपी एटीएस ने रविवार को अलीगढ़ से मोहम्मद फारुख को और उन्नाव से शाहिद को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारतीय पासपोर्ट व पांच लाख रुपए नकद बरामद किए गए है। यूपी एटीएस इन लोगों से पूछताछ कर रही है। फारुख और शाहिद मूल रूप से ग्राम तमचन थाना मगरू जिला आकियाब, म्यांमार के रहने वाले हैं।(भाषा)