जम्मू। रविवार की सुबह डांगरी हमले में बचने वाले तथा डांगरी के निवासियों को चाहे कुछ घंटों की ही खुशी मिली थी कि डांगरी नरसंहार में शामिल 2 आतंकियों को मार गिराने की खबरों से सोशल मीडिया उछाले मार रहा था। पर यह खुशी का गुब्बारा दोपहर को उस समय फूट गया जब सेना ने यह दावा किया कि उसके जवानों ने एलओसी पार करने की कोशिश करने वाले 2 घुसपैठियों को ढेर किया है।
अगर सेना पर विश्वास करें तो दोनों आतंकी कल रात को ही उस समय मारे गए थे जब उसके जवानों ने बालाकोट सेक्टर में एलओसी पार करने की हरकत देख गोलियां दागी थीं और कुछ मोर्टार भी चलाए थे। इसके प्रति आधिकारिक तौर पर रात को कहा गया था कि अब तलाशी अभियान सुबह आरंभ किया जाएगा और सुबह सेना की व्हाइट नाइट कोर की ओर से जारी ट्वीट ने कइयों के चेहरे पर खुशी ला दी।
दरअसल यह ट्वीट 2 मामलों को एक साथ जोड़ देने की गलफहमी को जन्म दे गया। व्हाइट नाइट कोर का ट्वीट कहता था कि डांगरी हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जारी है। और बालाकोट में एलओसी पर सतर्क सैनिकों ने अब तक 2 आतंकियों का पता लगाकर कर उन्हें मार गिराया है। इलाके की घेराबंदी कर आगे की कार्रवाई जारी है।
दरअसल इस ट्वीट में लिखी दो अलग-अलग बातों को आपस में जोड़कर कुछ अतिउत्साही अधिकारियों ने यह दावा आरंभ कर दिया था कि डांगरी हमले में शामिल दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है।
नतीजतन, सोशल मीडिया के खबरिया चैनलों में इसके प्रति चलने वाली खबरों और ब्रेकिंग न्यूजों को उसी समय विराम मिला जब सेना ने दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सच्चाई बताई कि दोनों मामले अलग थे और डांगरी व बालाकोट के बीच 65 किमी का फासला भी था।