नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार का सपा नेता नरेश अग्रवाल ने 2000 रुपए के नोट को लेकर बाजार में चल रही तमाम अटकलों का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या इस नोट को चलन से वापस लिया जा रहा है? अग्रवाल ने आज उच्च सदन में यह मुद्दा व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर उठाया। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत देश में मुद्रा प्रचलन का दायित्व सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को दिया गया है। उन्होंने कहा कि नियम है कि देश की कुल मुद्रा का 65 प्रतिशत बड़े करेंसी नोट और 35 प्रतिशत छोटे करेंसी नोट में रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जब नोटबंदी की थी तो उसके बाद 2000 रुपए का नोट जारी किया। आज बाजार में करीब 2000 करोड़ रुपए मूल्य के 2000 रुपए के करेंसी नोट हैं। अग्रवाल ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि बैंकों को एक अंदरुनी निर्देश जारी कर कहा गया है कि वे 2000 रुपए के नोट स्वीकार तो करें, पर उन्हें जारी नहीं करें।
उन्होंने कहा कि बाजार में इस बात की चर्चा है कि सरकार 2000 रुपए के नोट प्रचलन में बंद कर देगी और विदेशों की तरह सबसे बड़ा नोट मात्र पांच सौ रुपए का रहने देगी। उन्होंने आसन से सवाल किया कि क्या सरकार 2000 रुपए का नोट बंद करने जा रही है? अग्रवाल के व्यवस्था के इस प्रश्न पर उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि वह अपनी व्यवस्था सुरक्षित रख रहे हैं। (भाषा)