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हासन में 40 दिन में हार्ट अटैक से 22 मौतें, 2 साल में 507 हार्ट अटैक में 190 लोगों की मौत

हार्ट अटैक को लेकर कोविड वैक्सीन पर उठे सवालों पर क्या बोला ICMR

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

हासन (कर्नाटक) , बुधवार, 2 जुलाई 2025 (13:07 IST)
22 deaths due to heart attack in Hassan: कर्नाटक के हासन जिले में पिछले 40 दिनों में हार्ट अटैक से 22 लोगों की मौत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है। इनमें से कई मृतक युवा और मध्यम आयु वर्ग के थे, जिनमें 19 से 25 साल की उम्र के 5 लोग शामिल हैं। इन मौतों ने कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वैक्सीन की मंजूरी और वितरण को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताते हुए इसकी जांच की मांग की। हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इन दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है।
 
हासन में हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला : हासन जिले में हाल के हफ्तों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों ने सभी को चौंका दिया है। ताजा मामला होलेनरसीपुर तालुक के सोमनहल्ली गांव का है, जहां नवविवाहित युवक संजू की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसी तरह, 22 साल की एक युवती और 37 साल के ऑटो चालक गोविंदा की भी सीने में दर्द के बाद मौत हो गई। हासन स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले दो सालों में जिले में 507 हार्ट अटैक के मामले सामने आए, जिनमें 190 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मामले बिना किसी पूर्व लक्षण के सामने आए, जिसने चिंता को और बढ़ा दिया है।
 
मुख्यमंत्री का बयान और जांच का आदेश : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन मौतों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि कोविड वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी और इसका वितरण इन मौतों का एक कारण हो सकता है। वैश्विक शोधों में भी वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच संभावित संबंध की बात सामने आई है। उन्होंने इस मामले की गहन जांच के लिए जयदेव हृदय विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रवीन्द्रनाथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की है, जिसे 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। सीएम ने जनता से अपील की कि सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।
 
कोविड वैक्सीन पर उठे सवालों पर ICMR क्या बोला? 
ICMR और AIIMS की स्टडी, वैक्सीन को दी क्लीन चिट : इन दावों के जवाब में ICMR और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने एक व्यापक अध्ययन के नतीजे जारी किए, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया गया है। मई से अगस्त 2023 के बीच 19 राज्यों के 47 अस्पतालों में किए गए इस अध्ययन में 18 से 45 साल के उन लोगों का विश्लेषण किया गया, जो स्वस्थ दिखते थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच उनकी अचानक मौत हो गई। स्टडी में पाया गया कि इन मौतों के पीछे वैक्सीन नहीं, बल्कि जीवनशैली, आनुवंशिक कारण, पहले से मौजूद बीमारियां जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोविड के बाद की जटिलताएं जिम्मेदार हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके गंभीर दुष्प्रभाव अत्यंत दुर्लभ हैं। बिना वैज्ञानिक आधार के वैक्सीन को दोष देना भ्रामक है और इससे वैक्सीन के प्रति लोगों का विश्वास कम हो सकता है।
 
डॉक्टरों का जागरूकता पर जोर : हासन के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन मौतों के पीछे कई संभावित कारणों की ओर इशारा किया है। बेंगलुरु के जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज के डॉ. रवीन्द्रनाथ ने बताया कि हासन में हार्ट अटैक के मामलों में आनुवंशिक कारक, तनाव, खराब खान-पान और निष्क्रिय जीवनशैली प्रमुख कारण हो सकते हैं। कुछ मामलों में कोविड-19 के बाद हृदय की मांसपेशियों पर असर देखा गया है, लेकिन वैक्सीन का इसमें कोई योगदान नहीं है।
 
डॉक्टरों ने लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन की सलाह दी है। हासन में हाल के हफ्तों में हृदय रोगियों की संख्या में 8% की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें कई लोग एहतियाती जांच के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
 
सरकार की पहल और जनता से अपील : कर्नाटक सरकार ने हृदय संबंधी बीमारियों के प्रारंभिक निदान के लिए 'हृदय ज्योति' और 'गृह आरोग्य' जैसी योजनाएं शुरू की हैं।  
 
हासन में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों ने जहां एक ओर चिंता बढ़ाई है, वहीं ICMR और डॉक्टरों की स्पष्ट राय ने कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों को शांत करने की कोशिश की है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम नतीजों से इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है। तब तक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सरकार दोनों ही लोगों से सतर्क रहने और नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की अपील कर रहे हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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