- पोखरा से काठमांडु जा रही थी बस
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बस में डाइवर, कंडक्टर समेत 43 लोग सवार थे
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शाम को गोरखपुर लाए जाएंगे मृतकों के शव
Nepal bus accident : नेपाल के तानहुन में शुक्रवार को एक भारतीय बस के राजमार्ग से पलटकर नीचे मर्स्यांगदी नदी में गिरने से 41 लोगों की मौत हो गई। बस में सवार सभी लोग महाराष्ट्र से बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी, तभी यह तनहुन जिले के आइना पहारा में राजमार्ग से पलट गई। बस में चालक और दो सहायकों समेत 43 लोग सवार थे।
समाचार पोर्टल माई रिपब्लिका की खबर के मुताबिक, ये यात्री उन 104 भारतीय श्रद्धालुओं के समूह का हिस्सा थे, जो दो दिन पहले नेपाल की 10-दिवसीय यात्रा के लिए तीन बसों से महाराष्ट्र से नेपाल पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि नेपाल के तनहुन जिले में सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं। शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। भारतीय दूतावास प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है।
अधिकारियों ने यहां बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर वहां से शवों और घायलों का वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना की विशेष उड़ान का प्रबंध करने का अनुरोध किया है।
केंद्र सरकार को लिखे पत्र में महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन निदेशक लाहू माली ने कहा कि 24 अगस्त की शाम को शवों और घायल यात्रियों को गोरखपुर लाया जाएगा, लेकिन उन्हें वाणिज्यिक विमान से वापस महाराष्ट्र लाना संभव नहीं है, इसलिए वायुसेना के विमान का प्रबंध किया जाए। राज्य सरकार गोरखपुर से हताहतों को नासिक तक लाने के लिए उड़ान का खर्च वहन करेगी।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में यात्रियों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जलगांव के जिलाधिकारी हताहतों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के जिलाधिकारी के संपर्क में हैं।
महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार दुर्घटना में जान गंवाने वालों और जीवित बचे लोगों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि ये यात्री चार दिन पहले जलगांव के वरणगांव से अयोध्या गये थे। खडसे ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों और बचे लोगों के परिवारों से मुलाकात की।
Edited by : Nrapendra Gupta