Delhi businessmen troubled by gangster's call : विदेश में बैठे गैंगस्टर जबरन वसूली के लिए दिल्ली के कारोबारियों को कॉल कर रहे हैं, जिससे उनकी रातों की नींद उड़ गई है। पिछले 10 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग इलाकों से ऐसे 3 मामले सामने आए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 10 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग इलाकों से ऐसे 3 मामले सामने आए हैं। पुलिस ने बताया कि ये कॉल भगोड़े अनमोल बिश्नोई और हिमांशु भाऊ के नाम से शाहदरा के एक सराफा कारोबारी, बाहरी दिल्ली के एक व्यापारी और द्वारका के एक प्रॉपर्टी डीलर को की गई थीं।
अनमोल बिश्नोई जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अनमोल बिश्नोई के अमेरिका में छिपे होने की आशंका है, जबकि भाऊ के स्पेन या पुर्तगाल में छिपे होने की बात सामने आ रही है। सूत्रों ने बताया कि एक फोन कॉल के दौरान, गैंगस्टर ने कारोबारी को राजौरी गार्डन बर्गर किंग मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हवा में गोली नहीं चलेगी।
नाम न उजागर करने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले स्थानीय पुलिस थानों में दर्ज किए गए और जांच के लिए विशेष प्रकोष्ठ और अपराध शाखा को स्थानांतरित किए गए हैं। शाहदरा के सराफा कारोबारी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि अनमोल बिश्नोई गैंग की ओर से एक व्यक्ति ने उन्हें कॉल कर दो करोड़ रुपए की मांग की तथा पांच दिन में रुपयों का इंतजाम करने को कहा। अधिकारी ने बताया कि यह फोन कॉल बृहस्पतिवार को आई थी।
द्वारका के प्रॉपर्टी डीलर ने पुलिस को बताया कि उसे 15 अगस्त को भाऊ की कॉल आई। सूत्रों ने बताया कि बाहरी दिल्ली के व्यवसाई को भी 14 अगस्त को भाऊ की कॉल आई थी। मुहैया कराए गए दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस साल 15 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में जबरन वसूली के कुल 133 मामले सामने आ चुके हैं।
पिछले साल इसी अवधि में ऐसे कुल 141 मामले सामने आए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में इसी अवधि में जबरन वसूली के कम से कम 110 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह पूरे 2023 में जबरन वसूली के कम से कम 204 मामले और 2022 में 187 मामले दर्ज सामने आए। अक्सर इस तरह के मामलों की जांच करने वाले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर कॉल इंटरनेट या फर्जी सिम कार्ड वाले व्हाट्सएप नंबर से आईं।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जबरन वसूली, व्यापारियों को धमकाने, गोलीबारी और हत्या के अपराध में शामिल 11 गिरोहों की पहचान की है। इस माह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित अंतरराज्यीय बैठक में इन गिरोहों के बढ़ते खतरे का मुद्दा उठाया गया था।
बैठक में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के अधिकारी भी शामिल हुए थे। पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) और अन्य सख्त स्थानीय कानूनों को लागू करके इन गिरोहों पर नकेल कसने का निर्देश दिया। मकोका दिल्ली में भी लागू है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour