सर्जिकल स्ट्राइक के आज 5 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत द्वारा आज ही के दिन पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। भारतीय जांबाजों ने वर्ष 2016 में इसी दिन पाकिस्तानी सीमा में दाखिल होकर आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। भारतीय जवानों के साहसिक कदम के गवाह के तौर पर यह दिन हमेशा के लिए दर्ज हो गया। भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक क्यों किया? इस सवाल का जवाब यह है कि सीमा पार से लगातार हो रही घुसपैठ के कारण भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
साल 2016 के सितंबर का महीने में जम्मू-कश्मीर में सीमा से लगे उरी सेक्टर में आतंकियों ने सेना के जवानों पर हमला किया। इस हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा उरी में भारतीय सेना के हेडक्वार्टर पर किए गए इस हमले से पूरे भारत में गुस्सा फैल गया। विपक्ष सरकार पर हावी होने लगा। तभी केंद्र सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को उड़ाने का प्लान तैयार किया।
सरकार ने सेना के आला अधिकारियों के साथ मिलकर एक खास प्लान तैयार किया और इसको अंजाम देने के लिए 28-29 सितंबर की रात का समय चुना गया। ये वो दिन था जब सेना ने सिर्फ 4 घंटे के ऑपरेशन में पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी शिविरों को नेस्तनाबूद करने में सफलता हासिल की थी।
जानकारी के मुताबिक सेना ने रात करीब 12.30 बजे ऑपरेशन 'बंदर' की शुरुआत की और सुबह 4.30 तक आतंकियों का काम तमाम कर दिया। भारतीय सेना के इस सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 38 आतंकियों का सफाया हुआ और वहां मौजूद दो पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए। दिलचस्प बात ये रही कि भारत के किसी भी कमांडो को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा और वो सफलता पूर्वक ऑपरेशन को अंजाम देकर भारत लौट आए। इस ऑपरेशन पर भारतीय जवानों की जाबांजी की कहानी को 'उरी' फिल्म में भी प्रदर्शित किया गया है।