रायचूर। कर्नाटक के रायचूर में एक 5 साल की बच्ची को जिका वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया। जांच के लिए 3 नमूने पूणे भेजे गए थे, जिनमें से 2 निगेटिव और 1 पॉजिटिव था। उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले भी केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जिका वायरस के मामले पाए गए थे।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने रायचूर में जिका वायरस मामले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, हमें जिका वायरस के पुष्ट मामले के बारे में पुणे की प्रयोगशाला से एक रिपोर्ट मिली है।'
क्या है जीका वायरस कैसे फैलता है : जीका वायरस ज्यादातर संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज मच्छर वही होते हैं जो डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार फैलाते हैं। यह वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में जा सकता है और शिशुओं को माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा कर सकता है। हालांकि इस पर अभी रिसर्च जारी है।
लेकिन, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति इस बीमारी को अपने पार्टनर तक भी पहुंचा सकते हैं। अभी तक जानकारी के मुताबिक जीका वायरस से गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा है। इससे गर्भपात गिरने का भी खतरा है।
जीका वायरस के लक्षण : हल्का बुखार, रेशैज होना, आंखे लाल होना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिरदर्द। साथ ही जीका वायरस रोग की अवधि 3 से14 दिन तक होने का अनुमान है और इसके लक्षण 2 से 7 दिन तक रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अधिकतर लोगों में इसके लक्षण नहीं भी दिखते हैं।
जीका वायरस से बचाव के उपचार : CDC के अनुसार इस वायरस का फिलहाल कोई उपचार नहीं है। लेकिन इस दौरान अधिक से अधिक आराम करें। अधिक से अधिक पानी पीएं। डॉक्टर की सलाह से ही मेडिसिन लें।