Badrinath Dham : 5 लाख 92 हजार 735 श्रद्धालुओं ने किए बद्रीनाथ धाम के दर्शन
17 लाख 47 हजार 772 श्रद्धालु कर चुके हैं चारों धाम के दर्शन
देहरादून। पिछले महीने 8 अप्रैल को बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद एक महीने में बद्रीनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 5 लाख 92 हजार 735 पहुंच चुकी है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में रिकार्डतोड़ तीर्थयात्रियों का आना इस साल इसे ख़ास बना रहा है। बुधवार तक तक 17 लाख 47 हजार 772 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
केदारनाथ में 6 मई से अभी तक 5,86,017 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।गंगोत्री धाम में 3 मई से बुधवार 8 मई तक 3,24,860 और यमुनोत्री धाम में 2,44,160 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 22 जून को खुले हेमकुंड साहिब में 47449 तीर्थयात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। चमोली जिले के जिला प्रशासन का दावा है कि बद्रीनाथ और हेमकुंड साहब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए तीर्थयात्रियों को हरसंभव सुविधा दी जा रही है।
चारधाम यात्रा मार्ग पर यात्रा मजिस्ट्रेट के माध्यम से व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी भी रखी जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के माध्यम से होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट में रेट लिस्ट एवं भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच की जा रही है। जिले में कन्ट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 01372-251437, 1077 एवं मोबाइल नंबर 7055753124 व 9068187120 पर मिलने वाली शिकायतों/समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा रहा है।
इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग से संबंधित महत्वपूर्ण अधिकारियों के दूरभाष नंबर भी प्रचारित किए जा रहे हैं। यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने की सुविधा भी है। चिकित्सा टीमों द्वारा अभी तक 21527 यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।
यात्रा मार्ग को स्वच्छ एवं साफ रखने के लिए पर्यावरण मित्र दिन-रात सफाई कार्यों में जुटे हैं। देवभूमि की चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में आस्था, उमंग और खासा उत्साह बना हुआ है। राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा संचालित व्यवस्थाओं से तीर्थयात्री खुश नजर आ रहे हैं और इसके लिए प्रशासन का आभार भी व्यक्त कर रहे हैं।
सुरक्षित व सुगम यात्रा के लिए जिला प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों से नियमित अपील की जा रही है कि वे अपने वाहनों को तेज गति से न चलाएं, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग यात्रा से पूर्व अपना स्वास्थ्य परीक्षण करके ही यात्रा करें, यात्रा पर आने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करें और कोविड के दृष्टिगत मास्क अवश्य पहनें। साथ ही राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी एडवाइजरी के अनुसार यात्रा करें, ताकि कहीं पर भी कोई असुविधा न हो।
चार धामों में अब तक 148 यात्रियों की मौत हो चुकी है। केदारनाथ में अब तक 66 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि यमुनोत्री में 36, बद्रीनाथ में 34 और गंगोत्री में 12 तीर्थयात्रियों की मौत अब तक हो चुकी है। केदारनाथ में सर्वाधिक मौतों के होने के पीछे की वजह केदारनाथ धाम की यात्रा का कठिन और दुष्कर चढ़ाई युक्त होना माना जा रहा है। यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है।
हाई एल्टीट्यूड एरिया में पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है।ऑक्सीजन की प्रॉब्लम से शरीर को सांस लेनी मुश्किल होने से हार्टअटैक जैसी घटनाएं घट जाती हैं। अधिकांश तीर्थयात्रियों की मौत इसी समस्या के चलते हो रही है ऐसा दावा स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग हृदय रोग के मरीजों से रुक-रुककर सफर करने को कह रहा है। यात्रा मार्गों पर पचास की आयु से ऊपर के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग भी की जा रही है।