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दिल्ली को मिला 65 हजार करोड़ रुपए का बजट, बिना बहस के हुआ पास

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, सोमवार, 23 मार्च 2020 (19:32 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार का साल 2020-21 के लिए 65 हजार करोड़ रुपए का बजट मंगलवार को बिना किसी चर्चा के पारित हो गया। बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य को एक बार फिर प्राथमिकता देते हुए राजधानी में केंद्र सरकार की 'आयुष्मान भारत योजना' लागू करने, कोरोना वायरस (Corona virus) की मद में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान, 200 यूनिट तक बिजली फ्री और महिलाओं को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में मुफ्त यात्रा योजना को चालू रखने की घोषणा की है।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की दूसरी पारी का आज पहला और अपना लगातार छठा बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, पिछले 5 वर्षों की तरह सरकार की स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता जारी रहेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट 60 हजार करोड़ रुपए का था।

बजट में शिक्षा पर सर्वाधिक 15815 करोड़ रुपए (24.33 प्रतिशत) राशि का प्रावधान करते हुए सिसोदिया ने कहा कि 2020-21 में दिल्ली में 17 नए स्कूल खोले जाएंगे। चालू वित्त वर्ष में शिक्षा बजट 15601 करोड़ रुपए का था। आगामी वित्त वर्ष में 20 हजार नए क्लास रुम बनाए जाने के साथ ही 90 स्कूलों को एकल पारी बनाया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए 3 साल बाद होने वाला अंतरराष्ट्रीय छात्र आंकलन कार्यक्रम (पीसा) कराया जाएगा।

दिल्ली सरकार के प्रत्‍येक स्कूल में डिजिटल कक्षाओं के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। दिल्ली में 145 नए एक्सीलेंसी स्कूल बनाने का प्रस्ताव है। राजधानी में 29 शिक्षा जोन हैं और प्रत्‍येक जोन में 5 एक्सीलेंसी स्कूल होंगे। सरकार का 45 और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने का प्रस्ताव है। राजधानी के सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों को मुफ्त समाचार पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। अंग्रेजी बोलना और व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम के लिए 12 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार लाने के लिए सरकार अपना शिक्षा बोर्ड गठित करेगी। उन्होंने कहा कि स्कूल कार्ड में छात्र का स्वास्थ्य कार्ड भी जोड़ा जाएगा। नर्सरी से आठवीं तक पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। कोरोना वायरस (कोविड-19) की वजह से एक दिन का बजट सत्र मात्र एक दिन का रहा और करीब 90 मिनट में बिना किसी चर्चा के बजट पारित कर दिया गया।

कोरोना को देखते विधानसभा के भीतर का नजारा अलग ही था। विधायक एक-एक मीटर की दूरी पर बैठे हुए थे। इसकी वजह से विधायकों के बैठने के लिए 18 और कुर्सियों का इंतजाम किया गया था। दिल्ली विधानसभा में यह पहला मौका है जब बजट बिना बहस के पारित किया गया है। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा को सैनिटाइज किया गया था।

मुख्यमंत्री ने बजट को अच्छा बताते हुए कहा कि इसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बजट को दिल्ली को विश्व का आधुनिक और बेहतर शहर बनाने की दिशा में ठोस कदम बताया।

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 7704 करोड़ रुपए (12 प्रतिशत) का प्रावधान करते हुए सिसोदिया ने दिल्ली में केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना 'आयुष्मान भारत' को लागू करने का ऐलान किया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से तालमेल नहीं रहने के कारण केजरीवाल सरकार ने पहले इसे दिल्ली में लागू नहीं किया था।

नए अस्पतालों के लिए 724 करोड़ रुपए और नए मोहल्ला क्लीनिक और पाली क्लीनिक खोलने के 365 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए धन की किसी प्रकार की कमी नहीं आने देने का आश्वासन देते हुए वित्तमंत्री ने बजट में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में कोरोना की मद में 3 करोड़ रुपए रखे गए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए एक हजार मोहल्ला क्लिनिक खोलने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा और अस्पतालों में मौजूदा 10 हजार बिस्तरों के अलावा 16 हजार नए बिस्तर जोड़े जाएंगे। दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए डीटीसी सुधार मद में 250 करोड़ रुपए और कलस्टर बसों के लिए 1100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बसों की पार्किंग समस्या से निपटने के लिए 4 डिपो में बहुमंजिली पार्किंग व्यवस्था करने का ऐलान करने के साथ ही बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा आगामी वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के लिए 2400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राजधानी में सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान सीसीटीवी लगाने के लिए किया गया है।

सिसोदिया ने कहा कि 200 यूनिट मासिक खपत वाले बिजली उपभोक्ताओं को फ्री विद्युत 2020-21 में भी जारी रहेगी। बिजली सब्सिडी के लिए 2028 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 10 करोड़ रुपए से 'दिल्ली दर्शन योजना' को लागू करने का ऐलान करते हुए 'मुख्यमंत्री तीर्थ योजना' के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सिसोदिया ने कहा कि हाल में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को देखते हुए राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव अभियान चलाया जाएगा। प्रदूषण को कम करने के लिए बजट में 30 करोड़ रुपए का प्रावधान करने के साथ ही 'पर्यावरण मार्शल' नियुक्त करने की भी घोषणा की गई है। कच्ची कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के लिए 1700 करोड़ रुपए रखे गए हैं। मुख्यमंत्री किफायती आवास योजना के साथ ही दिल्ली में भूजल सुधार के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी (आप) सरकार सत्ता में आई तो दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 70 हजार 261 रुपए थी पिछले 5 साल में इसमें 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। देश की तुलना में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3 गुना अधिक है।

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