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भारत की 8 बड़ी विमान दुर्घटनाएं, 1996 में हुई थी 343 लोगों की मौत

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हमें फॉलो करें 8 Big plane crashes in India

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 12 जून 2025 (18:29 IST)
Big plane crashes in India : अहमदाबाद हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार को लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर के बाद एक बार फिर नजरें भारत में विमान संबंधी दुर्घटनाओं के इतिहास पर टिक गई हैं। आसमान में घातक टकरावों और खराब मौसमी स्थिति के कारण होने वाली भीषण दुर्घटनाओं से लेकर ‘टेबलटॉप’ हवाई अड्डों पर ‘रनवे ओवरशूट’ तक, देश ने कई दशकों के दौरान विभिन्न विमान त्रासदियों को देखा है। भारतीय उड्डयन इतिहास की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाएं ये हैं-
 
1- एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान 1344 (2020) : कोविड-19 महामारी के दौरान एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान संख्या 1344 कोझिकोड (कालीकट) वाला विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सात अगस्त, 2020 को रनवे पर उतरते समय फिसलकर आगे बढ़ गया। इस विमान सेवा को वंदे भारत प्रत्यावर्तन मिशन के हिस्से के रूप में संचालित किया जा रहा था।
 
भारी बारिश के बीच विमान गीले ‘टेबलटॉप’ रनवे से आगे निकल गया और एक घाटी में गिरकर दो हिस्सों में विभाजित हो गया। इसमें सवार 190 लोगों में से 21 लोगों की मौत हो गई जिनमें दो पायलट भी शामिल थे।
2- एयर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान 812 (2010) : एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 कर्नाटक के मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय 22 मई, 2010 को रनवे से आगे निकल गई। दुबई से आ रहा बोइंग 737-800 ‘टेबलटॉप’ रनवे से आगे बढ़कर खाई में गिर गया और उसमें आग लग गई। इस दुर्घटना में 158 लोगों की मौत हो गई।
 
3- एलायंस एयर उड़ान 7412 (2000) : एलायंस एयर उड़ान 7412 उतरने के दौरान 17 जुलाई, 2000 को बिहार के पटना में घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उतरने के दौरान अनुचित दिशा निर्देशों के कारण बोइंग 737-200 को कम ऊंचाई पर बाधा का अनुभव हुआ। इस दुर्घटना में साठ लोग मारे गए, जिनमें जमीन पर मौजूद पांच लोग शामिल थे। इस दुर्घटना ने छोटे शहरी हवाई अड्डों पर प्रक्रियाओं को उन्नत करने के लिए बाध्य किया।
 
4- चरखी दादरी के ऊपर आकाश में टक्कर (1996) : 12 नवंबर, 1996 को भारत की सबसे विनाशकारी विमानन दुर्घटना में 349 लोग मारे गए थे। यह त्रासदी तब हुई जब सऊदी उड़ान 763 (एक बोइंग 747 विमान) और कजाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ान 1907 (एक इल्यूशिन आईएल-76 विमान) के बीच हरियाणा में चरखी दादरी के पास आसमान में आमने-सामने टकरा गईं।
 
दुर्घटना संचार विफलता और कजाक चालक दल के निर्धारित ऊंचाई से नीचे उतरने का परिणाम थी। इस घटना के बाद भारत ने सभी वाणिज्यिक विमानों पर ‘टकराव रोधी प्रणाली’ लगाने को अनिवार्य करने सहित महत्वपूर्ण विमानन सुरक्षा उपाय शुरू किए।
 
5- इंडियन एयरलाइंस उड़ान 605 (1990) : 14 फरवरी, 1990 को इंडियन एयरलाइंस उड़ान 605 बेंगलुरु के एचएएल हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें सवार 146 लोगों में से 92 की मौत हो गई। उस समय भारत में अपेक्षाकृत नया विमान एयरबस ए320 बहुत नीचे उतर आया और रनवे से पहले ही जमीन से टकराया और फिसलकर गोल्फ कोर्स में चला गया। जांच में पता चला कि पायलट की गलती और ए320 के उन्नत डिजिटल कॉकपिट से अपरिचित होने के कारण यह दुखद दुर्घटना हुई।
6- इंडियन एयरलाइंस उड़ान 113 (1988) : खराब दृश्यता के कारण 19 अक्टूबर, 1988 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 113 (बोइंग 737-200) अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मुंबई से रवाना यह विमान पेड़ों से टकरा गया और रनवे से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उसमें सवार 135 लोगों में से 133 की मौत हो गई। जांचकर्ताओं ने पायलट की गलती, अपर्याप्त मौसम की जानकारी और एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा प्रक्रियागत चूक की ओर इशारा किया।
 
7- एयर इंडिया उड़ान 855 (1978) : एक जनवरी, 1978 को दुबई जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान 855 (एक बोइंग 747) का विमान मुंबई से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद अरब सागर में गिर गया, जिससे उसमें सवार सभी 213 लोगों की मौत हो गई। यह दुर्घटना उड़ान के 101 सेकंड बाद ही घटित हुई, जब एटीट्यूड डायरेक्टर इंडिकेटर में खराबी के कारण कैप्टन ने विमान के दिशा-निर्देशन को गलत तरीके से समझ लिया। यह दुर्घटना समुद्र के ऊपर रात के समय हुई।
8- इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 440 (1973) : इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 440 दिल्ली के पालम हवाई अड्डे के पास 31 मई, 1973 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बोइंग 737-200 विमान खराब मौसम की वजह से रनवे से कुछ ही दूर हाई-टेंशन तारों से टकरा गया। विमान में सवार 65 लोगों में से 48 की मौत हो गई। मृतकों में प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ मोहन कुमारमंगलम भी शामिल थे। इस दुर्घटना ने भारतीय हवाई अड्डों पर बेहतर मौसम संबंधी रडार की आवश्यकता को रेखांकित किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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