नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने यातायात, वायु प्रदूषण और उत्सर्जन मानदंडों के मुद्दे पर याचिका दायर करने वाले 2 अधिवक्ताओं पर मंगलवार को 8 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि यह अदालत के विचार के योग्य नहीं है और इसके बाद याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा कि आपने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश और अन्य सभी आदेश देखें हैं, फिर भी याचिका दायर की। क्या आप इसे लेकर आश्वस्त हैं? पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 2 वकीलों ने यह दुस्साहस किया है। हमने इसे लेकर उन्हें आगाह किया था।
एक मिसाल के तौर पर याचिकाकर्ताओं पर 8 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। रजिस्ट्री किसी भी रिट याचिका पर विचार नहीं करेगी। याचिका में कहा गया था कि वाहनों के इस्तेमाल के लिए लागू 10 और 15 साल का नियम गलत और अवैध है।