दिल्ली। पिछले कुछ महीनों के दौरान आधार के जरिए देश में करीब 500 गुमशुदा बच्चों की पहचान की गई है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने आज इसकी जानकारी दी।
उन्होंने ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन साइबरस्पेस के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘पिछले कुछ महीनों के दौरान आधार के जरिए 500 से अधिक गुमशुदा बच्चों की पहचान की गई है।’
उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसा तब हुआ, जब अनाथालय के बच्चे को आधार पंजीयन के लिए ले जाया गया और पाया गया कि उसका 12 अंकों का जैविक पहचान अंक पहले ही बन चुका है।
पांडेय ने कहा, ‘इसके जरिए हम उसकी पहचान खोज सके।’ उन्होंने हल्के लहजे में कहा कि पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में सगे भाई-बहन बिछड़ने के दशकों बाद एक-दूसरे से मिलते थे। अब उन्हें अपनी फिल्मों पर आधार को लेकर फिर से काम करना होगा।
‘सभी के लिए डिजिटल पहचान : विश्व के श्रेष्ठ चलन’ सत्र में पांडेय ने कहा कि आधार के कारण अब तक 10 अरब डॉलर से अधिक की बचत हुई है। विभिन्न सरकारी योजनाओं से इसे जोड़े जाने से फर्जी लाभार्थियों की पहचान में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि जब आधार को अन्य सरकारी योजनाओं से भी जोड़ लिया जाएगा, तब सालाना 10 अरब डॉलर की बचत होगी। उन्होंने आगे बताया कि देश में अभी 1.19 अरब लोगों के पास आधार है। उन्होंने कहा कि देश में 99 प्रतिशत वयस्कों का आधार पंजीयन हो चुका है। (भाषा)