नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली मैराथन सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा। इस मामले में गत 17 जनवरी को सुनवाई शुरू हुई थी। इन याचिकाओं पर हरेक सप्ताह तीन दिन सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने बहस पूरी की। संविधान पीठ को यह तय करना है कि आधार से निजता के अधिकारों का उल्लंघन होता है।
आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम और बैंक खाते भी शामिल हैं। (वार्ता)