नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) की अनिवार्यता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को संवैधानिक पीठ के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करने की शुक्रवार को सलाह दी।
न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करने को कहा।
न्यायालय ने कहा कि आधार से जुड़े सभी मुद्दों पर संवैधानिक पीठ को फैसला करना चाहिए। आधार को लेकर निजता के अधिकारों के हनन समेत जो भी मुद्दे आ रहे रहे हैं, उनका निदान पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ही कर सकती है। न्यायालय ने फिलहाल आधार को लेकर अंतरिम रोक संबंधी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार आधार को एकाग्रता शिविर की तरह इस्तेमाल कर रही है ताकि वह एक जगह से ही सभी नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रख सके। इसका एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने यह कहते हुए विरोध किया कि ये शब्द सही नहीं हैं।
शांता सिन्हा एवं अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं में कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। (वार्ता)