Delhi Transfer Posting : आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में सेवा मामले पर केंद्र के अध्यादेश संबंधी विधेयक को राज्यसभा में विफल करने के लिए सभी गैर-भाजपा दलों का समर्थन मांगते हुए सोमवार को कहा कि यह विपक्षी दलों के लिए 'अग्नि परीक्षा का समय' है और अगर वे देश के लोकतंत्र एवं संविधान को बचाना चाहते हैं तो उन्हें साथ आना चाहिए।
 
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश लाए जाने के बाद से भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आप हमलावर है। प्राधिकरण भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामलों को भी देखेगा।
 
									
										
								
																	अध्यादेश ने उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को पलट दिया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं पर नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को दिया गया था।
 
									
											
									
			        							
								
																	आप के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, सभी विपक्षी दलों को अध्यादेश के खिलाफ एकसाथ आना चाहिए। यह अग्नि परीक्षा का समय है। देश में आपातकाल है। देश में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है।
 
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	विपक्षी दलों से आप की अपील दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उन सभी तक पहुंचने की योजना से पहले आई है। केजरीवाल इसकी शुरुआत मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात के साथ करेंगे।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	सिंह ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव संदीप पाठक, मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर विपक्षी दल देश के लोकतंत्र, संविधान और संघीय ढांचे को बचाना चाहते हैं तो उन सभी को अध्यादेश के खिलाफ एकसाथ आना चाहिए और राज्यसभा में संबंधित विधेयक को पारित नहीं होने देना चाहिए।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल मुद्दे पर कांग्रेस से संपर्क करेंगे, सिंह ने कहा कि कांग्रेस को यह भी तय करना होगा कि वह भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे के पक्ष में है या खिलाफ। सिंह ने कहा कि अध्यादेश को बदलने के लिए केंद्र को संसद से विधेयक पारित कराना होगा।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	उन्होंने कहा कि यदि सभी विपक्षी दल एकसाथ आते हैं और राज्यसभा में विधेयक के खिलाफ मतदान करते हैं तो केंद्र के प्रयास को विफल किया जा सकता है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा के पास उच्च सदन में पर्याप्त संख्या नहीं है। आप के मुताबिक, केजरीवाल क्रमशः बुधवार और गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने के लिए मुंबई जाएंगे।
	Edited By : Chetan Gour (भाषा)