नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आम्रपाली समूह को उन सभी कंपनियों के नामों का खुलासा करने का निर्देश दिया है जिनके साथ समूह ने किसी भी प्रकार का लेनदेन किया है।
शीर्ष अदालत ने यह निर्देश फारेंसिक आडिटरों के इस खुलासे के बाद दिया कि आम्रपाली समूह का 200 से 250 कंपनियों के साथ लेनदेन हुआ है जो कि एक बड़ा जाल हो सकता है।
आम्रपाली समूह के मामलों पर गौर करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त दो फॉरेंसिक ऑडिटरों ने कहा कि 47 सहयोगी कंपनियों के अलावा समूह का 31 अन्य कंपनियों के साथ भी लेन-देन रहा जिनके नाम का कभी खुलासा नहीं किया।
अदालत को बताया गया कि इसमें विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम का मामला भी हो सकता है क्योंकि बड़ी मात्रा में धन मॉरिशस स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को हस्तांतरित किया गया।
उन्होंने आम्रपाली समूह के मुख्य वित्त अधिकारी चंदर वाधवा से सवाल किया कि समूह की एक कंपनी उनके दो करोड़ रुपए के आयकर का भुगतान कैसे कर सकती है जबकि उनकी मासिक आय केवल 50 हजार रुपए है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि मासूम खरीददारों के धन का इस तरह दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। पीठ ने मॉरीशस की जे पी मार्गन कंपनी से आम्रपाली समूह के साथ लेन-देन के बारे में अपने खाते का ब्यौरा सौंपने को कहा। (भाषा)