वर्ल्ड बैंक द्वारा बुधवार को जारी ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग भारत 77वें नंबर पर पहुंच गया है। पहले भारत इस सूची में 100वें नंबर पर था।
इस सूची में इस साल जीएसटी और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों का फायदा सरकार को मिला। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी के जरिए आया है। पिछले साल की रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया था। जीएसटी के साथ-साथ इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड के जरिए भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टैक्स देना न सिर्फ आसान हुआ है, बल्कि कॉर्पोरेट इनकम टैक्स की दरों में भी कमी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 10 संकेतकों में से छह में सुधार दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा सुधार 'निर्माण अनुमति' और 'सीमा पार व्यापार' के क्षेत्र में आया है। निर्माण अनुमति की श्रेणी में भारत का स्थान 52वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल भारत इस श्रेणी में 129वें स्थान पर था। इसी तरह से सीमा पार व्यापार श्रेणी में भारत का स्थान 66वां हो गया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 4 साल में हम 142 से 77वीं रैंकिंग पर आ गए। हमने सुधार के लिए जो कदम उठाए हैं, ये उसी का नतीजा है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार के सतत् प्रयासों का परिणाम है।
उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है इसमें कुल 190 देश होते हैं।