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सुप्रीम कोर्ट जाएगी आप सरकार, वर्चस्व की नहीं लोकतंत्र की लड़ाई

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नई दिल्ली , गुरुवार, 4 अगस्त 2016 (14:43 IST)
नई दिल्ली। आप सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह उप राज्यपाल को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्रशासनिक प्रमुख ठहराए जाने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी क्योंकि इसमें संविधान द्वारा मंत्रिपरिषद को दिए गए अधिकारों को कमतर किया गया है।
 
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। मंत्री ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आई है केन्द्र सरकार उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक रही है।
 
दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का प्रारंभिक आकलन यह बताता है कि इसने संविधान में मंत्रिपरिषद को दी गई शक्तियों को कमतर किया है।
 
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को कमतर नहीं आंका जा सकता। यह वर्चस्व की नहीं, लोकतंत्र की लड़ाई है।
 
उच्च न्यायालय ने आज कहा कि उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासनिक प्रमुख हैं और आम आदमी पार्टी सरकार की इस दलील में कोई दम नहीं है कि वह मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं।
 
उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच महीनों से चल रही खींचतान के बाद यह फैसला आया है।
 
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने आप सरकार की केन्द्र सरकार की 21 मई 2015 की अधिसूचना को चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्ति में उपराज्यपाल को पूर्ण शक्तियां दी गई हैं।
 
अदालत ने पिछले साल सत्ता में आने के बाद से केजरीवाल सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न अधिसूचनाओं को भी यह कहकर खारिज कर दिया कि यह अवैध हैं क्योंकि इन्हें उप राज्यपाल की सहमति के बिना जारी किया गया है। (भाषा) 
 

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