बर्मिंघम। अचिंता शेउली ने राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में भारत का स्वर्णिम अभियान जारी रखते हुए पुरुषों के 73 किलो वर्ग में नए रिकॉर्ड के साथ बाजी मारकर देश को तीसरा पीला तमगा दिलाया। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू और जेरेमी लालरिननुंगा ने भारत को भारोत्तोलन में स्वर्ण दिलाए थे।शेउली का यह पदक भारत का भारोत्तोलन में छठा पदक है।
पश्चिम बंगाल के 21 वर्ष के शेउली ने स्नैच में 143 किलो वजन उठाया जो राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड हैं। उन्होंने क्लीन एवं जर्क में 170 किलो समेत कुल 313 किलो वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
पिछले साल जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले शेउली ने दोनों सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट तीसरे प्रयास में किए। मलेशिया के ई हिदायत मोहम्मद को रजत और कनाडा के शाद डारसिग्नी को कांस्य पदक मिला। उन्होंने क्रमश: 303 और 298 किलो वजन उठाया।
शेउली ने जीत के बाद कहा, मैं इस जीत से बहुत खुश हूं। मैंने इस पदक के लिए कड़ी मेहनत की थी। मेरे भाई, मां, मेरे कोच और सेना के बलिदान से मुझे यह पदक मिला।
उन्होंने कहा, यह मेरी जिंदगी में पहली बड़ी प्रतियोगिता थी और मैं इस मुकाम पर पहुंचने के लिए इन सभी का आभार व्यक्त करता हूं। यह पदक मुझे जिंदगी के हर पहलू में मदद करेगा। अब यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
शेउली से पूछा गया कि वह इस पदक को किसे समर्पित करना चाहेंगे, उन्होंने कहा, मैं इसे अपने स्वर्गीय पिता, अपनी मां और मेरे कोच विजय शर्मा को समर्पित करना चाहूंगा। मेरे कोच ने मुझे हमेशा अपने बच्चे की तरह समझा और जब भी मैं कोई गलती करता था तो वह मुझे थप्पड़ मारते थे।
शेउली ने स्नैच वर्ग में 137 किग्रा, 140 किग्रा और 143 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने 143 किग्रा के प्रयास से खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया और अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में भी सुधार किया।
कोलकाता के इस भारोत्तोलक ने क्लीन एवं जर्क में 166 किग्रा भार आसानी से उठाया। वह दूसरे प्रयास में 170 किग्रा भार नहीं उठा पाए लेकिन अगले प्रयास में इतना भार उठाकर कुल 313 किग्रा के साथ खेलों का नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहे।
इस भारतीय खिलाड़ी को आखिर तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि मलेशियाई भारोत्तोलक ने आखिरी दो प्रयास में 176 किग्रा भार उठाने का प्रयास किया लेकिन वह इसमें नाकाम रहे।
शेउली से पूछा गया कि क्लीन एवं जर्क में आखिरी प्रयास से पहले कोच शर्मा ने उनसे क्या कहा, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा मेरा स्वर्ण पदक पक्का है, बस मुझे शांतचित्त बने रहना है। मैं थोड़ा नर्वस था लेकिन उसका प्रदर्शन मुझ से कमतर था और मैं यह भार उठाने में सफल रहा। शेउली का यह पदक भारत का भारोत्तोलन में छठा पदक है।(भाषा)
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