नई दिल्ली। 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' की कार्यकर्ता मेधा पाटकर की परेशानी बढ़ाने वाले एक कदम के तहत क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय मुंबई उनके पासपोर्ट को जब्त करने वाला है। पाटकर द्वारा पासपोर्ट आवेदन के समय उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने के चलते ऐसा किया जा सकता है।
पासपोर्ट कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि चूंकि उन्होंने पहले ही नौ दिसंबर को अपने यात्रा दस्तावेज सौंप दिए हैं, इसलिए यह अपने आप जब्त हो गया है।
एक पत्रकार ने इस साल जून में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि पाटकर ने आरपीओ मुंबई से महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाकर अपना पासपोर्ट हासिल किया था।
शिकायत में उनके खिलाफ मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में लंबित नौ आपराधिक मामलों का ब्यौरा दस्तावेजी साक्ष्य के साथ मुहैया कराया गया। पाटकर ने 30 मार्च 2017 को अपने पासपोर्ट आवेदन में दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है।
बताया जाता है कि उन्होंने आरपीओ मुंबई की नोटिस का जवाब देने के लिए और समय मांगा, जबकि इस बीच उन्होंने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया।
आरपीओ मुंबई ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से भी उनके खिलाफ लंबित मामलों के बारे में जानकारी मांगी, जिन्होंने आरपीओ को बताया कि उनके खिलाफ पांच मामलों में आरोप पत्र दायर हैं।
पाटकर को भेजे नोटिस में आरपीओ मुंबई ने उनसे कहा था कि आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने के लिए उनका पासपोर्ट रद्द क्यों न कर दिया जाए? पासपोर्ट कार्यालय ने उन्हें जवाब देने के लिए दस दिन का समय दिया।