ADITYA-L1 Mission update : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को कहा कि आदित्य-एल1 (ADITYA-L1) अंतरिक्ष यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर निकलकर धरती से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। ।
इसरो ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत आदित्य एल1 यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी)-सी57 के जरिये 2 सितंबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।
क्या लिखा इसरो ने : इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा कि आदित्य-एल1 मिशन अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर, पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सूर्य-पृथ्वी लैरेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना मार्ग प्रशस्त कर रहा है। यह लगातार दूसरी बार, जब इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर एक अंतरिक्ष यान भेज सका, पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन।
7 अलग-अलग पेलोड : आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल 7 अलग-अलग पेलोड हैं। इनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे।
आदित्य-एल1 को लैरेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है।