नई दिल्ली। एडमिरल करमबीर सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद एडमिरल आर. हरि कुमार ने मंगलवार को भारतीय नौसेना के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया। करमबीर सिंह ने 41 वर्ष तक नौसेना में अपनी सेवाएं दीं। एडमिरल कुमार बल की बागडोर संभालने से पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 25वें नौसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला है। कुमार ने कार्यभार संभालने के बाद अपनी मां विजयलक्ष्मी के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के 25वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। नौसेना का ध्यान राष्ट्रीय समुद्री हितों और समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर है। एडमिरल कुमार ने कहा कि हम इसके लिए पूरी ताकत लगाएंगे। मेरे पूर्ववर्तियों ने दूरदर्शी नेतृत्व के साथ नौसेना का मार्गदर्शन किया है। मैं भी नौसेना को उसी दिशा में आगे ले जाना चाहता हूं और उनकी उपलब्धियों पर आगे बढ़ना चाहता हूं। वहीं एडमिरल सिंह ने कहा कि मैं एक बहुत ही शानदार और पेशेवर टीम के साथी को प्रभार सौंप रहा हूं जिसने सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मुझे यकीन है कि उनके नेतृत्व में नौसेना गौरवपूर्ण ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी।
12 अप्रैल 1962 को जन्मे एडमिरल कुमार 1 जनवरी 1983 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में सेवा में शामिल हुए थे। लगभग 39 वर्षों की अपनी लंबी एवं विशिष्ट सेवा के दौरान एडमिरल कुमार ने विभिन्न कमान, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों में सेवा दी है। वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला के पूर्व छात्र हैं। एडमिरल कुमार की समुद्री कमान में तैनातियों में भारतीय नौसैन्य पोत (आईएनएस) निशंक, मिसाइल से सुसज्जित लड़ाकू जलपोत आईएनएस कोरा और निर्देशित-मिसाइल विध्वसंक आईएनएस रणवीर शामिल हैं।
उन्होंने भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विराट की भी कमान संभाली है। एडमिरल कुमार पश्चिमी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशन ऑफिसर (एफओसी) के पद पर भी रहे हैं। पश्चिमी नौसैन्य कमान में एफओसी का प्रभार संभालने से पहले वे मुख्यालय की एकीकृत कर्मचारी समिति और एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख भी रहे हैं। एडमिरल कुमार ने अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज, महू के आर्मी वॉर कॉलेज और ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से कई पाठ्यक्रम पूरे किए हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), अतिविशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) से सम्मानित किया गया है।