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क्रेडिट कार्ड में कहीं लेने के देने न पड़ जाए, क्‍यों फंसते हैं युवा, कैसे उठाए इस सुविधा का फायदा?

क्रेडिट कार्ड के इस्‍तेमाल से पहले जानिए क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ?

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हमें फॉलो करें Advantages and Disadvantages of Credit Cards

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 28 नवंबर 2025 (14:15 IST)
क्रेडिट कार्ड एक बैंकिंग सुविधा है। यह अपने- आप में कोई बुरा नहीं है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल और अधूरी जानकारी की वजह से बहुत लोग कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। इसकी तकनीकी पैचिगियों की जानकारी नहीं होने से ज्‍यादातर लोग इसका शिकार हो जाते हैं और नुकसान उठा लेते हैं।

ऐसे में यह समझना होगा कि आखिर क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है, कैसे इसका सही इस्‍तेमाल किया जाए और इसमें फंसने से बचा जाए। बता दें कि हाल ही में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी के बेटे क्रेडिट कार्ड के तकनीकी पहलुओं को नहीं समझ पाने से इसका शिकार हो गए। हालांकि पूरा मामला क्‍या है यह जांच होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

लेकिन क्रडिट कार्ड का इस्‍तेमाल करने से पहले हमें किन किन बातों का और क्‍या ध्‍यान रखना चाहिए, यह समझ लेना होगा। जानते हैं क्‍या होता है क्रेडिट कार्ड और कैसे इस सुविधा को मुसीबत में बदलने से बचें।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ : क्रेडिट कार्ड और बैंकिंग कार्यों के विशेषज्ञ ललित शर्मा बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड के इस्‍तेमाल से पहले उसके टर्म और कंडिशन जांच लेनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड के कई तकनीकी पहलु होते हैं, जिन्‍हें जाने बगैर ही उपभोक्‍ता उसका इस्‍तेमाल कर लेने हैं। ऐसे में उन्‍हें आगे चलकर नुकसान उठाना पडता है। उन्‍होंने बताया कि दरसअल क्रेडिट कार्ड एक सुविधा है, एक सहूलियत लेकिन हमारी कम जानकारी की पजह से यह हमारे लिए मुसीबत बन जाता है।

भुगतान में देरी : अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते, तो बैंक न केवल भारी ब्याज वसूलता है, बल्कि लेट फीस भी लगाता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी गिर जाता है, जो भविष्य में लोन या EMI लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है। इस गलती से बचने के लिए ऑटो-पे सेट करें या मोबाइल में रिमाइंडर अलर्ट रखें ताकि आखिरी तारीख न छूटे।

कार्ड से लगातार खर्च करते रहना : अगर आप पहले से कर्ज में हैं और फिर भी कार्ड का इस्तेमाल जारी रखते हैं, तो ये खतरनाक साबित हो सकता है। क्रेडिट कार्ड का ब्याज अक्सर सालाना 30 से 40 फीसदी तक होता है। यानी जितना ज्यादा खर्च, उतनी बड़ी मुसीबत! बेहतर यही है कि पहले पुराना कर्ज चुकाएं, फिर नए खर्च की सोचें।

सिर्फ मिनिमम अमाउंट चुकाना : कई लोग हर महीने केवल मिनिमम पेमेंट भरकर संतुष्ट हो जाते हैं। लेकिन ऐसा करने से असल कर्ज खत्म नहीं होता, बल्कि उस पर लगातार ब्याज बढ़ता रहता है। कुछ महीनों में ही यह रकम दोगुनी हो सकती है। कोशिश करें कि पूरा बिल या अधिकतम हिस्सा हर महीने चुका दें। साथ ही कैश एडवांस यानी कार्ड से नकद निकालने से भी बचें, क्योंकि उस पर ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है। लोग सोचते हैं कि बस मिनिमम पैमेट भर देना काफी है, जबकि बाकी अमाउंट पर 36–48% सालाना ब्याज लगता है। नतीजा कर्ज हर महीने बढ़ता जाता है।

क्रेडिट रिपोर्ट को नजरअंदाज करना : आपका क्रेडिट रिपोर्ट आपकी वित्तीय सेहत का आईना है। अगर आपने भुगतान में चूक की है या केवल आंशिक रकम दी है, तो यह वहां दर्ज हो जाती है। महीने में एक बार रिपोर्ट जरूर जांचें। इससे आपको पता चलेगा कि कहां सुधार की जरूरत है और स्कोर कैसे बेहतर किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बुरा नहीं है, लेकिन बेवजह खर्च और लापरवाही खतरनाक हो सकती है। समय पर भुगतान करें, कार्ड का जिम्मेदारी से उपयोग करें और तब तक खर्च रोक दें जब तक आप कर्ज से पूरी तरह मुक्त न हो जाएं। याद रखें कि समझदारी से चलेंगे, तो क्रेडिट कार्ड आपका साथी बनेगा, दुश्मन नहीं।

क्रेडिट कार्ड से कैश लेना : एटीएम से क्रेडिट कार्ड का कैश निकालते ही ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है। साथ में कैश विड्रॉल चार्ज भी लगता है।

कैसे बचे क्रेडिड कार्ड के दंश से
बिल का समय पर पूरा भुगतान करें, मिनिमम नहीं
कार्ड का खर्च अपने मासिक बजट का 20–30% तक ही रखें।
कार्ड से कैश विड्रॉल कभी न करें।
किसी ऑफर को EMI पर लेने से पहले उसके चार्ज पढ़ें।
एक से ज़्यादा कार्ड हों तो प्राथमिकता तय करके समय पर भुगतान करें।
Edited By: Navin Rangiyal

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