नई दिल्ली। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने विज्ञापन और दृष्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) के माध्यम से बीते बरस प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर 468.53 करोड़ रुपए खर्च किए।
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धन राठौड़ ने सोमवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में विज्ञापनों पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने डीएवीपी के माध्यम से जहां 468.53 करोड़ रुपए खर्च किए वहीं वर्ष 2015-16 में यह राशि 508.22 करोड़ रुपए और वर्ष 2014-15 में यह राशि 424.84 करोड़ रुपए थी।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि सरकार के मंत्रालयों ने वर्ष 2016-17 में डीएवीपी के माध्यम से रेडियो/आकाशवाणी पर जारी विज्ञापनों पर 37 करोड़ रुपए, एफएम रेडियो पर जारी विज्ञापनों पर 145.57 करोड़ रुपए और टेलीविजन चैनलों पर जारी विज्ञापनों पर 315.04 करोड़ रुपए खर्च किए।
वहीं वर्ष 2015-16 में डीएवीपी के माध्यम से रेडियो/आकाशवाणी पर जारी विज्ञापनों पर 17.09 करोड़ रुपए, एफएम रेडियो पर जारी विज्ञापनों पर 94.54 करोड़ रुपए और टेलीविजन चैनलों पर जारी विज्ञापनों पर 281.85 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
राठौड़ ने यह भी बताया कि डीएवीपी के माध्यम से वित्त वर्ष 2015-16 में सोशल मीडिया में विज्ञापनों पर 21,66,000 रुपए व्यय हुआ। (भाषा)