AEPC statement on government policies : परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश में नागरिक अशांति के बीच खरीदार भारत में अपना ऑर्डर देने से तब तक कतराते रहेंगे, जब तक नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी आयात नीतियों में बदलाव नहीं करती है, जिससे आयातित मानव निर्मित कपड़ों, ट्रिम्स और सहायक उपकरणों तक अधिक और आसान पहुंच हो सके।
एईपीसी ने यह भी कहा कि खरीदार बांग्लादेश में अशांति से बहुत चिंतित हैं और उनके पास देश से अपने ऑर्डर वापस लेने और कम से कम अल्पावधि में उन्हें कहीं और रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी के अनुसार, इनमें से अधिकांश ऑर्डर मानव निर्मित कपड़ों के हैं, जिन्हें चीन, दक्षिण कोरिया और यहां तक कि यूरोप में खरीदार द्वारा नामित स्रोतों से खरीदा गया है।
उन्होंने कहा, भारत की मौजूदा आयात नीतियों को देखते हुए, विशेष आयातित कपड़ों का उपयोग करके इन शॉर्ट-डिलिवरी ऑर्डर को भारत में स्थानांतरित करना व्यवहार्य नहीं है। केवल भारतीय मूल के कपड़ों के ऑर्डर ही भारतीय कारखानों में स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है।
एईपीसी के चेयरमैन ने कहा कि जब तक भारत सरकार आयातित मानव निर्मित कपड़ों, ट्रिम्स और सहायक उपकरणों तक अधिक और आसान पहुंच की अनुमति देने के लिए अपनी आयात नीतियों में बदलाव नहीं करती, तब तक खरीदार भारत में अपने ऑर्डर देने में हिचकिचाते रहेंगे। सेखरी ने कहा, दीर्घावधि में, खरीदार बांग्लादेश पर अत्यधिक निर्भर होने के बारे में संशय में रहेंगे।
बांग्लादेश वर्ष 1971 में स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे खराब राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। नौकरी कोटा को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour