नई दिल्ली। दिल्ली में भारी बारिश और आंधी के बाद सोमवार को लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली, लेकिन इसके चलते सुबह के समय सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हुआ। बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित रही।
बारिश के साथ आई तेज आंधी के चलते कई मकान ढह गए और कुछ स्थानों पर पेड़ उखड़ गए जिसकी वजह से कम से कम 8 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न इलाकों में जलभराव और बिजली गुल होने की खबरें भी मिली हैं जबकि पेड़ गिरने के चलते सड़क किनारे खड़े 8 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
मौसम विभाग ने कहा कि बीते कुछ दिन से अभूतपूर्व भीषण गर्मी का सामना कर रही राष्ट्रीय राजधानी में इस सीजन में यह पहली मध्यम तीव्रता की आंधी थी। इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी का अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। दमकल अधिकारियों ने कहा कि शहर के ज्वालापुरी, शंकर रोड और मोती नगर इलाकों में मकान गिरने की घटनाओं में 8 लोग घायल हो गए।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बारिश और आंधी के चलते सोमवार को दिल्ली के न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखी गई है, जो सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर 29 डिग्री सेल्सियस से गिरकर सुबह 7 बजे 18 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। उन्होंने बताया कि न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री दर्ज किया गया जो इस ऋतु में सामान्य से 9 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 8 डिग्री कम है।
एक मई 2004 के बाद पहली बार मई में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले एक मई 2004 को न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री दर्ज किया गया है। दिल्ली में मई महीने में सबसे कम न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड 15.2 डिग्री है जो दो मई 1982 को दर्ज किया गया था।
दिल्ली नगर निगम द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक करीब 44 स्थानों पर पेड़ उखडने की घटना सामने आई है। अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के न्यू मोतीबाग में एक पेड़ एक कार पर गिर गया, हालांकि उसमें सवार लोग बच गए। दिल्ली कैंट और धौला कुआं इलाकों से भी ऐसी ही घटनाएं होने की खबरें मिली हैं। हालांकि इनमें कोई हताहत नहीं हुआ।
बिजली आपूर्ति प्रभावित : आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उत्तरी क्षेत्र में 13 स्थानों पर पेड़ उखड़ने की घटना सामने आई जबकि दक्षिणी जोन में 10, पश्चिमी जोन में सात और नजफगढ़ जोड़ में 11 पेड़ उखड़ने की घटना दर्ज की गई। अधिकारियों ने कहा कि तेज हवा और पेड़ गिरने से कुछ इलाकों में बिजली आपू्र्ति की लाइन क्षतिग्रस्त हो गईं, जिसके चलते बिजली गुल हो गई।
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा कि आंधी के साथ रुक-रुक कर हुई भारी बारिश के कारण बिजली नेटवर्क को नुकसान पहुंचा और बार-बार आपूर्ति प्रभावित हुई, जिसके चलते आज सुबह नरेला, बवाना, बादली, मंगोलपुरी, किराड़ी, शालीमार बाग, केशव पुरम और मोती नगर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।' उन्होंने कहा कि उनकी टीम चरणबद्ध तरीके से बिजली लाइन को बहाल करने का काम कर रही है।
बिजली कंपनी के अधिकारी ने बताया कि गीली पेड़ की शाखाओं के ओवरहेड केबल से टकराने की वजह से शॉर्ट सर्किट, चिंगारी निकलने की घटना हुई। एहतियातन ऐसी परिस्थिति में भी बिजली काटनी पड़ी। ऐसी खामियों को आधे घंटे में ठीक कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि दिल्ली बिजली वितरण की परिचालन और मरम्मत टीम हाई अलर्ट पर है और अधिकतर मामलों में तुरंत बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थानों पर बिजली बहाल करने में समय लग सकता है क्योंकि नगर निकाय द्वारा गिरे पेड़ों को हटाने में समय लग रहा है।
जलभराव के कारण आईटीओ, डीएनडी, नरसिंहपुर-जयपुर रोड और एम्स के पास विभिन्न हिस्सों पर ट्रैफिक जाम हो गया। पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, एनएच-48 पर नरसिंहपुर, वसंत विहार में राव तुला राम फ्लाईओवर और अन्य क्षेत्रों में भी जलभराव की खबर थी।
हवाई यातायात पर असर : पुलिस ने बताया कि आंधी के बाद पेड़ों के उखड़ने के संबंध में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को 62 कॉल आईं। हवाई अड्डा अधिकारियों ने लोगों को अद्यतन उड़ान विवरण के लिए एयरलाइन से संपर्क करने का आग्रह किया। दिल्ली हवाई अड्डे ने ट्वीट किया कि खराब मौसम के कारण, दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अद्यतन उड़ान जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें। इंडिगो और विस्तारा जैसी विभिन्न एयरलाइनों ने भी लोगों को हवाई अड्डे आने-जाने के लिए अतिरिक्त समय लेकर चलने की सलाह दी।