नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन से बढ़े तनाव के बीच तैयारियों का जायजा लेने के लिए लेह और श्रीनगर का 2 दिवसीय दौरा किया। सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बताया है।
वायुसेना ने चीन से लगी 3500 किलोमीटर की सीमा के पास अपने सभी अग्रिम बेस को हाईअलर्ट पर रखा है और झड़प के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और अन्य जंगी हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों को तैनात किया है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया बुधवार को वायुसेना के लेह बेस पर पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्वी लद्दाख में संवेदनशील सीमाई क्षेत्रों की हिफाजत में जुटे बल की तैयारियों की समीक्षा की। लेह से वह बुधवार को एक दिन के दौरे पर श्रीनगर गए जहां उन्होंने वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।
वायुसेना पिछले तीन दिन में लेह और श्रीनगर सहित वायुसेना के महत्वपूर्ण बेस के लिए सुखोई 30 एमकेएल, जगुआर, मिराज 2000 विमान, अपाचे जंगी हेलीकॉप्टर तथा अन्य संसाधनों को भेज चुकी है।
पता चला है कि गलवान में सोमवार को झड़प के बाद क्षेत्र में चीनी सेना की हवाई गतिविधि बढ़ने के बाद पिछले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में वायुसेना ने तैयारियों को तेज कर दिया है।
भदौरिया बुधवार को लेह यात्रा के लिए रवाना हुए थे। इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भदौरिया, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के दो अन्य अंगों के प्रमुखों के साथ समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में यह फैसला किया गया कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय थलसेना और वायुसेना के अग्रिम बेस को हाईअलर्ट पर रखा जाएगा। थलसेना को भी हिंद महासागर में पूरी चौकसी बरतने को कहा गया है, जहां पर चीनी नौसेना की गतिविधियां रहती हैं।
सेना अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में एलएसी के पास सभी अग्रिम बेस और तैनाती स्थल के लिए अतिरिक्त जवानों और हथियारों को पहले ही भेज चुकी है। वायुसेना ने भी सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश में अपने बेस के लिए अतिरिक्त संसाधनों को रवाना किया है।(भाषा)