Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सुखबीर सिंह बादल को साफ करना होगा वॉशरूम और गंदे बर्तन, बेअदबी मामले में अकाल तख्त ने सुनाई सजा

हमें फॉलो करें सुखबीर सिंह बादल को साफ करना होगा वॉशरूम और गंदे बर्तन, बेअदबी मामले में अकाल तख्त ने सुनाई सजा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 2 दिसंबर 2024 (17:15 IST)
पंजाब  अकाल तख्त ने पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई 'गलतियों' के लिए सुखबीर सिंह बादल की 'तनखा' (धार्मिक सजा) का सोमवार को ऐलान कर दिया और उन्हें 'सेवादार' के तौर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बर्तन और जूते साफ करने का आदेश दिया।
 
अमृतसर में अकाल तख्त के 'फसील' (मंच) से फैसला सुनाते हुए सिखों के सर्वोच्च तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया।
 
उन्होंने 6 महीने के भीतर शिअद अध्यक्ष और पदाधिकारियों के चयन के लिए चुनाव कराने के उद्देश्य से एक समिति भी गठित की। जत्थेदार ने सुखबीर बादल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को दी गई 'फख्र-ए-कौम' की उपाधि वापस लेने की घोषणा भी की।
 
पांच सिंह साहिबानों ने 2007 से 2017 के दौरान शिअद कैबिनेट में मंत्री के रूप में कार्य करने वाले अन्य सिख नेताओं के लिए भी धार्मिक सजा की घोषणा की। सिंह ने कहा कि पैर में फ्रैक्चर के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल कर रहे सुखबीर बादल और बागी नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को दो दिन तक एक-एक घंटे के लिए 'सेवादार' की पोशाक पहनकर स्वर्ण मंदिर के बाहर बैठने का निर्देश दिया गया है।
 
उन्होंने कहा कि दोनों नेता तख्त केसगढ़ साहिब, तख्त दमदमा साहिब, मुक्तसर के दरबार साहिब और फतेहगढ़ साहिब में भी दो दिनों के लिए 'सेवादार' की भूमिका में काम करेंगे। सुखबीर बादल और सुखदेव ढींडसा से 'कीर्तन' सुनने के अलावा स्वर्ण मंदिर में एक घंटा श्रद्धालुओं के बर्तन और जूते साफ करने के लिए कहा गया है।
 
'तनखा' की घोषणा से पहले सुखबीर बादल ने अपनी गलतियां स्वीकार कीं, जिनमें शिअद शासन के दौरान 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल है।
 
अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को 'तनखैया' (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित करने के लगभग तीन महीने बाद उनकी 'तनखा' का एलान किया। जत्थेदार ने अकाली नेताओं-सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह रणिके को स्वर्ण मंदिर में एक घंटे के लिए शौचालय साफ करने और फिर स्नान करने के बाद सामुदायिक रसोई में बर्तन धोने का निर्देश दिया। जत्थेदार ने कहा कि ये नेता एक घंटे तक कीर्तन भी सुनेंगे।
 
बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, बिक्रम सिंह मजीठिया, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, चरनजीत सिंह अटवाल और आदेश प्रताप सिंह कैरों सहित अन्य अकाली नेताओं को भी स्वर्ण मंदिर में एक घंटे के लिए शौचालय साफ करने का आदेश दिया गया। जत्थेदार ने 2007 से 2017 तक के पूरे अकाली मंत्रिमंडल, पार्टी की कोर कमेटी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की 2015 की आंतरिक कमेटी को तलब किया था।
 
सुखबीर बादल व्हीलचेयर पर पहुंचे, क्योंकि पिछले महीने उनके दाहिने पैर में मामूली 'हेयरलाइन फ्रैक्चर' हो गया था। चंदूमाजरा, कौर और अन्य बागी अकाली नेताओं के एक जुलाई को अकाल तख्त के सामने पेश होने के बाद सुखबीर बादल को 'तनखैया' घोषित कर दिया गया था। 
 
इन नेताओं ने 2007 से 2017 तक शिअद के शासनकाल में की गई चार 'गलतियों' के लिए माफी मांगी थी, जिनमें 2015 में बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा न देना और 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना शामिल है। उन्होंने इन 'गलतियों' के लिए उक्त अवधि में उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर बादल को जिम्मेदार ठहराया था। भाषा Edited by : Sudhir Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रीकांत शिंदे नहीं बनना चाहते डिप्टी सीएम, जानिए क्या है वजह?