नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाए 4 दोषियों में शामिल दोषी अक्षय को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड में दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी।
अक्षय कुमार ठाकुर द्वारा दायर क्यूरेटिव पिटिशन में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जनदबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही है।
न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमती और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने क्यूरेटिव पिटिशन की सुनवाई की। क्यूरेटिव पिटिशन किसी दोषी के पास अदालत में अंतिम कानूनी उपाय है।
संविधान पीठ ने फांसी की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया और यह कहते हुए क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी कि उस याचिका में कोई नया आधार नहीं है। अक्षय ने याचिका मंगलवार की देर शाम दाखिल की थी। वकील एपी सिंह ने ही अक्षय की ओर से याचिका दायर की थी।
अक्षय के पास हालांकि अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाने का संवैधानिक अधिकार मौजूद है। इस मामले में अभी चौथे दोषी पवन की ओर से क्यूरेटिव याचिका दाखिल नहीं की गई है। विनय कुमार शर्मा और मुकेश कुमार सिंह द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।