Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महंगाई की चौतरफा मार, 16 दिनों में ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि

हमें फॉलो करें महंगाई की चौतरफा मार, 16 दिनों में ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि
, शनिवार, 16 अप्रैल 2022 (17:18 IST)
नई दिल्ली। ईंधन की कीमतों में बीते 16 दिनों में रिकॉर्ड वृद्धि होने से इसकी मांग घट गई और इसका नतीजा यह हुआ कि अप्रैल के पहले पखवाड़े में देश में ईंधन की बिक्री घट गई। पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों में शनिवार को यह तथ्य सामने आया।

मार्च के पहले पखवाड़े की तुलना में अप्रैल के पहले 15 दिनों में पेट्रोल की बिक्री करीब 10 फीसदी कम रही और डीजल की मांग भी 15.6 फीसदी घट गई। इसी तरह एक से 15 अप्रैल के बीच घरेलू रसोई गैस एलपीजी की खपत में भी मासिक आधार पर 1.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रखने के बाद 22 मार्च को पहली बार बढ़ाई थीं। उसके बाद छह अप्रैल तक के 16 दिनों के भीतर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल 10-10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई।

घरेलू रसोई गैस की कीमत में भी 22 मार्च को 50 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई थी, जिसके बाद दिल्ली में गैर सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम 949.50 रुपए हो गए थे। विमानों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एटीएफ के भाव भी नई मूल्य वृद्धि के बाद 1,13,202.33 रुपए प्रति किलोलीटर हो गए हैं और इसकी बिक्री में मासिक आधार पर 20.5 फीसदी की गिरावट आई है।

पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 1 से 15 अप्रैल के बीच 11.20 लाख टन पेट्रोल बेचा जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 12.1 फीसदी अधिक और 2019 की समान अवधि की तुलना में 19.6 फीसदी अधिक है।

हालांकि पेट्रोल की खपत मार्च 2022 की समान अवधि के मुकाबले 9.7 फीसदी कम है। मार्च के पहले पखवाड़े में तेल कंपनियों ने कुल 12.4 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की थी। देश में सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाने वाले ईंधन डीजल की बिक्री सालाना आधार पर 7.4 फीसदी बढ़कर करीब 30 लाख टन हो गई।

यह मार्च 2019 की बिक्री के मुकाबले 4.8 फीसदी अधिक, लेकिन इस साल 1 मार्च से 15 मार्च के बीच हुई 35.3 लाख टन की बिक्री की तुलना में 15.6 फीसदी कम है। मार्च के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री क्रमश: 18 फीसदी और 23.7 फीसदी बढ़ गई थी। मार्च में डीजल की बिक्री बीते दो साल में किसी महीने में हुई सर्वाधिक बिक्री थी।

उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मार्च के पहले पखवाड़े में कीमतें बढ़ने का अनुमान लगाते हुए लोगों ने अपनी गाड़ियों के टैंक भरवा लिए। इसी तरह पेट्रोल पंप डीलरों ने भी अपने स्टोरेज टैंक के साथ मोबाइल ब्राउजर या टैंकर ट्रक भी भरवा लिए। ऐसे में कीमतों के बढ़ते ही पेट्रोल एवं डीजल की खपत में गिरावट आ गई।(भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रमजान में प्रतिदिन 5 करोड़ रुपए के तरबूज खा रहे हैं कश्मीरी