कोरोना वायरस की दहशत के बीच अमरनाथ यात्रा पर भी संशय
फिलहाल अग्रिम पंजीकरण की प्रक्रिया बढ़ी पर तैयारियां अभी नहीं हो पाई हैं शुरू
जम्मू। क्या इस बार अमरनाथ यात्रा संपन्न हो पाएगी, इस पर संशय कोरोना वायरस की दहशत के चलते पैदा हो गया है। हालांकि प्रशासन ने इसके प्रति कोई बयान जारी नहीं किया है लकिन अग्रिम पंजीकरण को स्थगित कर दिए जाने के निर्देश के बाद ऐसी आशंका इसलिए भी प्रकट की जा रही है क्योंकि प्रशासन ने खुद माना है कि प्रशासन और सुरक्षाबलों के कोरोना वायरस से निपटने में लिप्त होने के कारण यात्रा की कोई भी तैयारी फिलहाल आरंभ नहीं हो पाई है।
अमरनाथ की 23 जून से शुरू होने वाली वार्षिक यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण की प्रक्रिया 15 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई है। एडवांस पंजीकरण एक अप्रैल से होने थे। 42 दिन की यात्रा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की 442 शाखाओं में एडवांस पंजीकरण के प्रबंध किए गए थे।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप सोनी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि यात्रा के पंजीकरण को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। निर्धारित शेडयूल के अनुसार रक्षाबंधन वाले दिन यानी 3 अगस्त को यात्रा संपन्न होनी है।
इस समय कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है जो 14 अप्रैल तक चलेगा। चूंकि एडवांस पंजीकरण बैंकों में होता है इसलिए इसे स्थगित किया गया है। लंगरों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 25 फरवरी को ही समाप्त हो गई थी। देशभर से 115 लंगर संगठनों ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के पास आवेदन किया है। यह लंगर यात्रा के आधार शिविरों बालटाल, पहलगाम और यात्र मार्गों पर लगते हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए अमूमन मार्च से यात्री पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी लेकिन इस साल इसे एक अप्रैल से शुरू किया जाना था। इस दौरान लॉकडाउन के चलते लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। पंजीकरण के लिए बैंक शाखाओं में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसमें सामाजिक दूरी को भी ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
जानकारी के लिए इस बार की अमरनाथ यात्रा में सवा 6 लाख लोगों को न्योता दिया गया है। अगर सब ठीक रहा तो इस बार यह यात्रा 42 दिनों तक चलेगी जबकि पिछले साल बीच में ही खत्म कर दी गई थी। इस बार 23 जून को आरंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले का तंदरूस्त होना जरूरी होगा। अर्थात बिना मेडिकल फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट के कोई भी इसमें शामिल नहीं होगा।
इस बार दोनों रास्तों पर यात्रियों की संख्या पर भी बंदिश लागू की गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-75000 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलिकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है। वैसे इस बार अमरनाथ यात्रा कुल 42 दिनों तक चलेगी। यात्रा पर जाने वाले सभी पंजीकृत श्रद्धालुओं का अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा निशुल्क किया जाएगा।