जम्मू। पिछले साल इतिहास में पहली बार कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर होने वाली प्रथम पूजा को जम्मू में संपन्न किया गया था, पर इस बार भी अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिए जाने के उपरांत प्रथम पूजा पवित्र गुफा में संपन्न की गई है, जिसका लाइव प्रसारण भी किया गया।
अमरनाथ यात्रा की पहली पूजा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यानी आज पवित्र गुफा स्थल पर हुई। यह एक पारंपरिक पूजा-अर्चना हुई जिसका बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से आरती का सीधा प्रसारण भी किया गया। वहीं श्राइन बोर्ड की तरफ से आज अमरनाथ यात्रा की पहली पूजा से पहले नंदी को पहलगाम में शिफ्ट कर दिया गया है। ये नंदी जी कईं सालों से अमरनाथ गुफा के बाहर स्थापित थे। कहा जाता है कि नंदी के बिना शिव की पूजा को अधूरा माना जाता है।
वहां से नंदी के गायब होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी आई थीं, जिसमें नंदी को पहलगाम में देखा जा सकता है। इन तस्वीरों को वहां पहुंचे किसी श्रद्धालु ने भेजी है। उनका कहना है कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि चांदी के नंदी के बिना शिव की पूजा हुई हो। हालांकि श्राइन बोर्ड की तरफ से अभी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है कि नंदी को क्यों पहलगाम में स्थापित किया गया।
अतीत में प्रथम पूजा चंदनबाड़ी में की जाती थी लेकिन पिछले साल इसे जम्मू में संपन्न करवाया गया था तो इस बार गुफा में। हालांकि इस साल कोरोना से उपजे हालात को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को रद्द किया जा चुका है मगर सभी पारंपरिक पूजा-अर्चना करवाने का फैसला लिया गया है। साथ ही पवित्र गुफा से सुबह व शाम को आरती का सीधा प्रसारण होगा। प्रथम पूजा में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीतिश्वर कुमार सहित बोर्ड व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।
अमरनाथ यात्रा और बुड्डा अमरनाथ यात्रा न्यास के कई अधिकारी भी गुफा पहुंचे थे। बोर्ड हर साल न्यास के पदाधिकारियों को प्रथम पूजा में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है। आरती का सीधा प्रसारण 28 जून से 22 अगस्त तक होगा। आरती अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रसारित होगी। सुबह छह बजे से लेकर साढ़े छह बजे तक और शाम को पांच बजे से लेकर साढ़े पांच बजे तक आरती का प्रसारण होगा।
बताते चलें कि कोरोना के कारण लगातार दूसरे साल भी बाबा अमरनाथ यात्रा को रद्द किया गया है। हालांकि श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा शुरू करने की घोषणा पहले की थी और 56 दिन की यात्रा 28 जून से शुरू करके 22 अगस्त को संपन्न होने का समय तय किया था।