मुंबई। पिछले सप्ताह उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट मिले विस्फोटक से लदे वाहन के मालिक हिरेन मनसुख का शव शुक्रवार को पड़ोसी ठाणे में एक नाले के किनारे पड़ा मिला। पुलिस ने
यह जानकारी दी।
इस मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के बयान के बाद नया मोड़ आ गया। देशमुख ने दावा
किया कि मृत व्यक्ति वाहन का असली मालिक नहीं है। देशमुख ने कहा कि मामले की जांच राज्य के आतंकवाद-रोधी दस्ते को सौंप दी गई है।
ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 45 वर्षीय मनसुख गुरुवार रात को लापता हो
गया था। मुंब्रा रेती बुंदर रोड से लगे नाले के किनारे उसका शव मिला है।
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला घर 'एंटीलिया' के निकट 25 फरवरी को मनसुख की
'स्कॉर्पियो' कार के अंदर जिलेटिन की छड़ें रखी हुई मिली थीं। पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को
एरोली-मुलुंद ब्रिज से चोरी हुई थी।
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में मनसुख का बयान दर्ज किया था। वाहनों के पुर्जों का कारोबार
करने वाले मनसुख ने कहा था कि अपनी कार चोरी होने के बाद उसने पुलिस में शिकायत दी थी। शुक्रवार दोपहर मनसुख के परिवार के सदस्यों ने ठाणे के नौपाड़ा पुलिस थाने को बताया था कि वह लापता है।
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फड़णवीस ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि मुख्य गवाह की मौत से
संकेत मिलता है कि कुछ गड़बड़ है। उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर मांग करता हूं कि मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाए। '
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मनसुख के शव पर घाव के निशान नहीं मिले हैं। पोस्टमॉर्टम
रिपोर्ट आनी बाकी है और महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच करने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि वाहन के असली मालिक ने किसी काम के लिए मनसुख को कार दी थी।
फड़णवीस ने कहा कि देशमुख को इस मामले की सही जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि मनसुख ने ही पुलिस
को बताया था कि वह कार का मालिक है। संसदीय मामलों के मंत्री अनिल परब ने कहा कि जरूरी नहीं कि उस व्यक्ति ने सच बताया हो।
उन्होंने कहा कि पुलिस को मामले की जांच करने दी जाए। उन्हें कुछ समय दीजिए और हमें उन पर पूरा भरोसा है। परब ने कहा कि एनआईए पहले ही समानांतर जांच कर रही है।
इस बीच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि मनसुख ने पुलिस में शिकायत की थी कि
कुछ स्थानीय पुलिस अधिकारी और पत्रकार बीते कुछ दिन से उसे परेशान कर रहे थे।
अधिकारी ने दावा किया कि उसने ठाणे और मुंबई के पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखे थे, जिनमें उसने कहा था
कि वह इस उत्पीड़न के चलते तनाव से गुजर रहा है।