नई दिल्ली। कांग्रेस सहित विपक्ष की एकजुटता की पहल को खास तवज्जो नहीं देते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़े बहुमत से जीतेगी। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्षी दल अलग-अलग राज्यों में भाजपा के खिलाफ लड़े थे और उनकी पार्टी तब भी जीती थी और यही बात 2019 में होगी, जब वह उससे भी बड़े बहुमत से जीतेगी।
शाह ने भाजपा मुख्यालय में कहा कि कर्नाटक के इस घटनाक्रम के बाद अब कांग्रेस ने अपनी हार को जीत बताने का एक नया तरीका खोज लिया है। मैं उम्मीद करता हूं कि जीत की यह नई परिभाषा 2019 तक जारी रहेगी और विपक्षी पार्टी की जीत की यही व्याख्या रही तो 2019 में भाजपा को कोई परेशानी नहीं होगी।
भाजपा के खिलाफ देशभर में विपक्ष की एकजुटता की पहल के बारे में एक सवाल के जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने सवाल किया कि ममता बनर्जी कर्नाटक में क्या करेंगी, अखिलेश यादव मध्यप्रदेश में क्या करेंगे, राहुल पश्चिम बंगाल में क्या करेंगे?
उन्होंने कहा कि ये लोग 2014 (लोकसभा चुनाव) में भी हमारे खिलाफ लड़े थे, तब भी हम जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी ये सभी लोग लड़ने जा रहे हैं, हम इससे बड़े बहुमत से जीतेंगे। लोकसभा की कुछ सीटों पर उपचुनाव में भाजपा की हार के संबंध में अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2018 के बीच हम 9 लोकसभा सीटें हारे लेकिन हमने 14 राज्यों में जीत दर्ज की। कांग्रेस से 14 राज्य छीने हैं। कांग्रेस को बताना चाहिए कि 14 राज्यों की हार बड़ी होती है या 9 लोकसभा सीटों की हार बड़ी होती है?
गोवा और मणिपुर में कांग्रेस के सबसे बड़े दल होने के बावजूद भाजपा के सरकार बनाने के बारे में सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गोवा और मणिपुर में कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा ही नहीं किया था। जब सबसे बड़ा दल सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता है तब राज्यपाल दूसरे सबसे बड़े दल को मौका देते हैं। इस वजह से राज्यपाल ने इन दोनों जगहों पर दूसरे सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए बुलाया।
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय में यह झूठ बोला कि येदियुरप्पा ने राज्यपाल से 7 दिनों का समय मांगा है। कांग्रेस के पास अगर कोई सबूत है तो वह पत्र दिखाए। (भाषा)