पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा के लिए अब तक अभेद रहे बंगाल के दुर्ग को पहली बार फतह करने की कमान खुद भारतीय राजनीति के 'चाणक्य' कहे जाने वाले देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संभाल ली है। ममता के गढ़ को भेदने के लिए गृहमंत्री अमित शाह लगातार दूसरे महीने आज बंगाल पहुंचे है।
अपने दो दिन के बंगाल दौरे के दौरान अमित शाह पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल हो रहे है। जहां एक ओर खुद अमित शाह ने बंगाल की पूरी चुनावी कमान अपने हाथों में संभाल ली तो बंगाल में पहली बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए अपने भरोसेमंद सिपाहसालारों को तैनात किया है।
अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने उन भरोसमंद नेताओं को सौंपी है जो पहले भी उनकी कसौटी पर खरे उतर चुके है। इन्हीं नेताओं में एक नाम मध्य प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता और सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है।
2018 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए 8 जिलों की 57 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी है। खास बात यह है कि पार्टी ने नरोत्तम मिश्रा को उन सीटों की जिम्मेदारी दी है जो बिहार और झारखंड की सीमा से लगी हुई है। खुद नरोत्तम मिश्रा भी कहते हैं कि उनको जिन सीटों की जिम्मेदारी मिली है वह बॉर्डर से लगी हुई है और जहां निर- ममता दीदी के माफियाओं का राज है।
केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जिम्मेदारी मिलने के बाद नरोत्तम मिश्रा लगातार बंगाल के दौरे पर है। पिछले हफ्ते तीन दिन के मैराथन बंगाल दौरे के बाद आज फिर नरोत्तम मिश्रा दो दिन के बंगाल दौरे पर पहुंच गए है। उनका यह दौरा इस मायने बहुत महत्त्वपूर्ण है जब खुद देश गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के बंगाल दौरे पर है और उनका बीरभूमि में भी कार्यक्रम प्रस्तावित है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर नरोत्तम मिश्रा केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताते हुए कहते है कि वह राष्ट्रीय नेतृत्व की कसौटी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। नरोत्तम कहते हैं कि आतंक और भ्रष्टाचार से त्रस्त बंगाल की जनता ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है और विधानसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी।